संसदीय समिति ने प्रसारण विधेयक जल्द लाने की पैरवी की
नई दिल्ली में संसद की एक समिति ने सरकार से प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक को जल्दी पेश करने की सिफारिश की है। पिछले साल विरोध के चलते इसे स्थगित किया गया था। समिति ने केंद्रीय सूचना मंत्रालय से...

नई दिल्ली, एजेंसी। संसद की एक समिति ने सरकार से प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक को संसद में पेश करने के लिए एक समयसीमा तय करने की सिफारिश की है। इस विधेयक के कुछ प्रावधानों को लेकर विरोध होने के बाद पिछले साल इसे स्थगित कर दिया गया था। भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे की अध्यक्षता वाली संचार और सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति का सुझाव ऐसे समय में आया है, जब सरकार एक से चार मई तक मुंबई में विश्व ऑडियो विजुअल और मनोरंजन शिखर सम्मेलन (वेव्स) में कंटेंट क्रिएटर्स की रचनाओं का जश्न मनाने की योजना बना रही है।
समिति ने इस सप्ताह की शुरुआत में लोकसभा में पेश अपनी छठी रिपोर्ट में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय से संपूर्ण प्रक्रिया (हितधारक परामर्श) को पूरा करने के लिए एक समय सीमा तय करने और प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक को जल्द से जल्द संसद में पेश करने को कहा है।
यह सुझाव ऐसे समय में आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने कॉमेडी शो इंडियाज गॉट लेटेंट पर विवादित टिप्पणियों के लिए यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए सरकार से ओटीटी विनियमन के बारे में कुछ करने के लिए कहा है। मंत्रालय ने 17 जनवरी को समिति को सूचित किया था कि हितधारकों के साथ परामर्श पूरा करने के बाद विधेयक का एक नया मसौदा तैयार किया जाएगा। इसे अंतर-मंत्रालयी परामर्श के लिए भेजा जाएगा।
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