भारत से युद्ध लड़ने की स्थिति में नहीं पाकिस्तान
या क्या पाकिस्तान के पास भारत से लड़ने के लिए पैसा है --------------- -

या क्या पाकिस्तान के पास भारत से लड़ने के लिए पैसा है --------------- - 2023 में लगभग दिवालिया होने के कगार पर था - राजनीतिक अस्थिरता, वित्तीय कुप्रबंधन से पहले से संकट में - पिछले 18 महीनों में आर्थिक स्थिति थोड़ा बेहतर हुई है पर नाकाफी - युद्ध लड़ा तो पूरी तरह डांवाडोल हो जाएगी पड़ोसी मुल्क की स्थिति ---------------- नोट: मिंट का लोगो लगाएं। टेबल के लिए मिंट देखें। --------------- पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि अभी रफ्तार नहीं पकड़ पाई वर्ष जीडीपी वृद्धि (%) 2020-21 3.9 2021-22 6.2 2022-23 -0.2 2023-24 2.5 2024-25 2.6 स्रोत: पाकिस्तान का स्टेट बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ------------------- एन. माधवन साल 2023 में पाकिस्तान लगभग दिवालिया (कंगाल) होने की हालत में पहुंच गया था।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और वर्ल्ड बैंक ने उसे आर्थिक मदद दी, जिससे वह संकट से बच गया। अब जबकि उसके पश्चिमी बॉर्डर (सीमा) पर तनाव बढ़ रहा है, मिंट यह देख रहा है कि पाकिस्तान की मौजूदा कमजोर आर्थिक स्थिति कैसी है और क्या वह भारत के खिलाफ तनाव बढ़ाने की स्थिति में है। पाकिस्तान इतनी खराब हालात में कैसे पहुंचा 2023 में, यह लगभग दिवालिया हो चुका था और उसके पास अपने पुराने कर्ज चुकाने के लिए भी पैसे नहीं बचे थे। इसके पीछे कई कारण थे जिसमें राजनीतिक अस्थिरता, खराब शासन, गलत तरीके से पैसा खर्च करना, जरूरत से ज्यादा दूसरे देशों से कर्ज लेना शामिल है। रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने पर तेल और अन्य सामानों की कीमतें बहुत बढ़ गईं, जिससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर और ज्यादा असर पड़ा। इससे पाकिस्तान की आर्थिक विकास में कमी आई। महंगाई 38.5% तक पहुंच गई जिससे हर चीज बहुत महंगी हो गई। ब्याज दरें 22% तक हो गई और कर्ज लेना महंगा हो गया। राजकोषीय घाटा 8% तक बढ़ गया। डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया कमजोर हो गया। पाकिस्तान कैसे बच गया जुलाई 2023 में, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान को तीन बिलियन डॉलर की आर्थिक मदद की मंजूर दी। 2024 में, 7 बिलियन डॉलर की और मंजूदी ही गई। विश्व बैंक ने भी राशि देने का वादा किया। लेकिन उसने शर्तें रखे थी कि पाकिस्तान को अच्छी नीतियां होंगी, आर्थिक सुधार करने होंगे और विकास के लिए बेहतर माहौल बनाना।➔ ये रुपये पैसे एक बार में नहीं मिलते, बल्कि किस्तों में दिए जाते हैं। इसमें भी हर जांच करने के बाद कि पाकिस्तान सुधारों पर काम कर रहा है या नहीं।➔ इसके अलावा, उसे सऊदी अरब, चीन और यूएई जैसे दोस्त देशों ने भी मदद की। इन देशों ने अपने कर्ज चुकाने की सीमाएं बढ़ा दी जिससे पाकिस्तान को तुरंत पैसे चुकाने की जरूरत नहीं पड़े। आज हमारे पड़ोसी देश के हालात क्या हैं पिछले 18 महीनों में पाकिस्तान ने काफी सुधार किया है। आईएमएफ का कहना है कि पाकिस्तान ने अपनी आर्थिक स्थिरता को काफी हद तक वापस लाया है और निवेशकों का भरोसा भी कुछ हद तक फिर से जीता है। उसकी विकास दर थोड़ी बेहतर हुई है। महंगाई भी कुछ कम हुई है। ब्याज दरों में थोड़ा सुधार हुआ है और विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 15 बिलियन डॉलर हो गया है। यह रकम अभी भी पाकिस्तान के लिए पूरी तरह पर्याप्त नहीं है। क्योंकि उसे अपने कर्ज चुकाने और बाहर से सामान मंगाने के लिए और ज्यादा पैसे चाहिए। क्या मौजूदा तनाव उसके सुधार में नुकसान पहुंचाएंगे हां, निश्चित रूप से ऐसा होगा। पहलगाम आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान अपने सशस्त्र बलों को जुटाने में बहुत पैसा खर्च कर रहा है। भारत द्वारा आतंकी ठिकानों पर हमला करने के बाद तनाव तेजी से बढ़ा है। पाकिस्तान ने जल्द ही जवाब देने का वादा किया है। इससे तनाव और बढ़ने का खतरा है। बड़ी रेटिंग एजेंसी मूडीज ने चेतावनी दी कि तनाव में लगातार वृद्धि पाकिस्तान के विकास को नुकसान पहुंचा सकती है। इससे उसका बजट सुधार प्रभावित होगा और उसकी आर्थिक स्थिरता खतरे में पड़ जाएगी। पाकिस्तान सरकार को सोच-समझकर फैसला करना होगा, क्योंकि अगर तनाव बढ़ाया तो देश की कमजोर अर्थव्यवस्था और प्रभावित होगी। क्या पाकिस्तान गंभीर तनाव को झेल सकता है? पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था ऐसी किसी भी बड़े तनाव या दुर्घटना को बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके अलावा, भारत अब आईएमएफ और विश्व बैंक दोनों से पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता की समीक्षा करने का आग्रह कर रहा है। नौ मई को आईएमएफ बोर्ड की बैठक है, जिसमें पाकिस्तान को दो लोन मंजूर होने हैं। इसमें 1.3 बिलियन डॉलर और 1 बिलियन डॉलर शामिल हैं। अगर पाकिस्तान भारत के साथ तनाव बहुत बढ़ाता है, तो यह साफ नहीं है कि एआईएमएफ और विश्व बैंक कैसे प्रतिक्रिया देंगे। अगर➔ आईएमएफ और विश्व बैंक ने मदद रोक दी या मंजूरी में देरी की तो पाकिस्तान की पहले से कमजोर अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगेगा।
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