अदाणी पैकेज::: अदाणी पर अमेरिका में आरोप को लेकर भारत में सियासत गरमाई
अमेरिका में गौतम अदाणी और अन्य पर अरबों रुपये की धोखाधड़ी के आरोपों के बाद विपक्ष ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने अदाणी की गिरफ्तारी और संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग...
- विपक्ष ने केंद्र सरकार को घेरा, उठाई जेपीसी की मांग - राहुल गांधी ने गौतम अदाणी को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की मांग उठाई
नई दिल्ली, एजेंसी। अमेरिका में उद्योगपति गौतम अदाणी समेत आठ लोगों पर लगे अरबों रुपये की धोखाधड़ी के आरोपों के बाद देश में सियासत गरमा गई है। गुरुवार को विपक्ष ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग की। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने यहां तक कहा कि गौतम अदाणी को तत्काल गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की जानी चाहिए।
अमेरिकी अभियोजकों ने अदाणी और उनके भतीजे सागर अदाणी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देकर सौर उर्जा अनुबंध हासिल किए। इस कथित योजना के तहत 2020 से 2024 तक 25 करोड़ डॉलर (करीब 2236 करोड़ रुपये) की रिश्वत दी गई।
इस मामले के सामने आने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला और कहा कि अदाणी को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में नेता प्रतिपक्ष के रूप में वह और पूरा विपक्ष अदाणी से जुड़े मामले को उठाएगा। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने यह भी कहा कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधवी पुरी बुच को उनके पद से तत्काल हटाकर जांच शुरू होनी चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘एक्स पर पोस्ट किया, जब एक शीर्ष रैंकिंग वाले भारतीय व्यवसायी को किसी अन्य देश द्वारा आरोपित किया जाता है, तो यह वैश्विक मंच पर हमारी छवि को खराब करता है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस लगातार ऐसे अनैतिक व्यापारिक प्रथाओं का विरोध करती रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह प्रमुख क्षेत्रों में एकाधिकार बनाने और अनुचित लाभ देकर कुछ लोगों के हाथों में धन केंद्रित करने की भाजपा सरकार की नीति का हिस्सा है। खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और अदाणी द्वारा बनाए गए पूंजीपतियों, समझौतावादी नौकरशाहों और कुछ राजनेताओं से जुड़े इस पूरे गठजोड़ की जांच की जानी चाहिए और इसे नष्ट किया जाना चाहिए। खरगे ने दावा किया, यह गठजोड़ हमारे लोगों, गरीबों और मध्यम वर्ग, महत्वाकांक्षी उद्यमियों, एमएसएमई, स्टार्टअप और करोड़ों छोटे और मध्यम खुदरा निवेशकों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है। यह गठजोड़ बचत और अवसरों को छीनकर असमानताओं को बढ़ाता है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अमेरिकी अभियोजकों के कदम से मुख्य विपक्षी दल की यह मांग सही साबित होती है कि इस कारोबारी समूह से जुड़े पूरे प्रकरण की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन होना चाहिए। रमेश ने यह भी कहा कि जेपीसी का गठन तत्काल होना चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस की सांसद सागरिका घोष ने कहा, अमेरिका द्वारा अदाणी समूह और गौतम अदाणी पर लगाया गया आरोप बेहद गंभीर है। सभी आरोपों की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जेपीसी एकमात्र संस्था है जो इस स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कर सकती हैं। तृणमूल सांसद साकेत गोखले ने पूछा कि क्या केंद्र की भाजपा सरकार इसमें शामिल है। गोखले ने एक्स पर एक पोस्ट में शेयर बाजार की अद्यतन जानकारी साझा की, जिसमें अदाणी एनर्जी के शेयरों में गिरावट नजर आ रही है। गोखले ने कहा, बाजार में हलचल है, लेकिन भारत सरकार पूरी तरह चुप है। आरोप सरकारी स्वामित्व वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी को रिश्वत देने के हैं। इसमें भाजपा की कितनी संलिप्तता है? तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने भी एक्स पर पोस्ट कर मामले को गंभीर बताते हुए इसकी जांच की मांग की।
राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने कहा, यह अब इतना गंभीर हो गया है कि देश की एजेंसियां और प्रभावशाली लोग इस मामले पर पर्दा डालने की लाख कोशिश कर लें, यह बेनकाब हो जाएगा। यह भारत की प्रतिष्ठा का भी मामला है। जब विपक्षी नेता इस मुद्दे को सदन में उठाते हैं तो हमारे भाजपाई मित्र अदाणी के प्रवक्ता के रूप में सामने आते हैं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र को अदाणी के खिलाफ आरोपों को गंभीरता से लेना चाहिए और मामले की गहन जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें अदाणी समूह से जुड़े मुद्दे के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन उन पर पहले भी गलत काम करने के आरोप लगते रहे हैं। उन्होंने कहा, अगर ऐसा हुआ है तो इसकी जांच होनी चाहिए। जेपीसी की मांग हो रही है। मुझे उम्मीद है कि केंद्र सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से लेगी और इसकी गहन जांच करेगी।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा कि भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार अब पर्दे के पीछे नहीं छुप सकती। अदाणी के खिलाफ लगाए गए रिश्वत के आरोपों की सीबीआई जांच होनी चाहिए।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी राजा ने कहा, अगर यह सच है, तो यह एक बहुत बड़ा घोटाला है। सरकार को भारत के लोगों को जवाब देना होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि अदाणी मामले में सरकार की तरफ से कोई ठोस जवाब नहीं आया है।
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