बजट सत्र : चर्चा के मुद्दों का फैसला कार्य मंत्रणा समिति करेगी: रिजिजू
संसद के बजट सत्र से पहले हुई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने महाकुम्भ में हुई भगदड़ पर चर्चा करने की मांग की। सरकार ने कहा कि इस मुद्दे पर निर्णय कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में लिया जाएगा। बैठक में 36...
- सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने की महाकुम्भ में भगदड़ पर चर्चा की मांग - वित्तीय कामकाज, वक्फ संशोधन समेत 16 विधेयक लाने की तैयारी
36 दलों के 52 नेताओं ने भाग लिया सर्वदलीय बैठक में
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। संसद के बजट सत्र से पहले हुई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने महाकुम्भ में हुई भगदड़ पर चर्चा कराने की मांग की है। हालांकि, सरकार ने इस मुद्दे पर साफ किया कि किस मुद्दे पर चर्चा होनी है, यह फैसला सदन की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में लिया जाएगा।
बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार ने सभी दलों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि संसद का बजट सत्र सार्थक हो। बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। शुक्रवार से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र से एक दिन पहले हुई सर्वदलीय बैठक में सत्र के दौरान आने वाले मुद्दों व संसद के सुचारू संचालन को लेकर चर्चा की गई। बैठक के बाद रिजिजू ने कहा कि बैठक सकारात्मक रही। इसमें 36 दलों के 52 नेताओं ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि कुछ दलों के नेताओं ने कुछ मुद्दे उठाए और उन पर चर्चा की मांग की। कार्य मंत्रणा समिति तय करेगी कि किन मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। महाकुम्भ में भगदड़ पर चर्चा की विपक्ष की मांग के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि निर्णय बीएसी द्वारा लिया जाएगा। रिजिजू ने कहा कि कई महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, इसमें कुम्भ का भी उल्लेख किया गया। बैठक में इस पर सरकार की तरफ से कहा गया है कि यह राज्य सरकार का मामला है, वह इसे देख रही है।
बैठक में रिजिजू ने साफ किया कि वह संसद में हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार हैं पर किस मुद्दे पर चर्चा होगी और कितने घंटे होगी यह सदन की कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में तय होगा। बजट सत्र के पहले चरण में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा और बजट समेत जरूरी संवैधानिक दायित्व होते हैं, जिसके बाद समय नहीं बचता है। ऐसे में कार्य मंत्रणा समिति तय करेगी कि किस मुद्दे पर चर्चा होगी और कब। जो बहुत जरूरी मुद्दे होंगे तो बीएसी में चर्चा करके तय करेंगे।
बजट सत्र के लिए सरकार ने 16 विधेयकों की सूची तैयार की है। इनमें वक्फ संशोधन बिल, इमीग्रेशन और फॉरेनर्स समेत वित्तीय मामलों से जुड़े कई महत्वपूर्ण विधेयक शामिल हैं।
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सत्र में सभी मुद्दों को उठाएगा विपक्ष: प्रमोद तिवारी
राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि विपक्षी इंडिया गठबंधन बजट सत्र में सभी मुद्दों को उठाएगा। उन्होंने महाकुम्भ के राजनीतिकरण की भी आलोचना की और कहा कि महाकुम्भ के दौरान अतिविशिष्ट लोगों की आवाजाही से आम आदमी के लिए मुश्किलें पैदा हो रही हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इस धार्मिक आयोजन के सत्तारूढ़ भाजपा से जुड़े वीआईपी लोगों की सभा बनने के मुद्दे को उठाएगी। बढ़ती बेरोजगारी और किसानों की दुर्दशा का मुद्दा भी उठाया जाएगा। इंडिया गठबंधन आम लोगों की समस्याओं को उजागर करने के लिए सत्र में सभी मुद्दों को एक साथ उठाएगा। वक्फ पर बनी जेपीसी के काम करने के तरीके पर भी सवाल उठाते हुए विपक्षी दलों ने संविधान, आर्थिक स्थिति, रोजगार, मणिपुर और रुपये के गिरती कीमत जैसे मुद्दे भी बैठक में उठाकर संसद सत्र में चर्चा की मांग की।
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कुम्भ अव्यवस्था के मुद्दे पर विपक्षी दलों का साथ देगी बीजद
समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि राजनीतिक पर्यटन की वजह से महाकुम्भ में हादसा हुआ है। सरकार न तो हादसे में मरने वालों का सही आंकड़ा बता रही है और न ही उनके नाम। किसी भी धर्मग्रंथ में महाकुम्भ नहीं लिखा, हर जगह कुम्भ ही लिखा है। अमृत स्नान भी पहली बार ही सुना है। कल अमृत स्नान करा रहे थे और अमर कर दिया, लोगों को मार दिया। जज को नहीं जाने दे रहे थे, झंडे लगे भाजपा की गाड़ियों को जाने दिया। इस मुद्दे पर संसद में चर्चा हो। राजद सांसद मनोज झा ने भी कहा कि इस बार कुम्भ में धर्म और धर्मांधता का फर्क मिट गया। सरकार का पूरा ध्यान पब्लिसिटी पर था। बीजद ने भी कहा कि कुम्भ की अव्यवस्था के मुद्दे पर संसद में वो विपक्षी दलों का साथ देगी।
‘एक देश एक चुनाव पर बनी जेपीसी का समय बढ़े: जदयू
सरकार की सहयोगी जदयू ने बैठक में एक देश एक चुनाव पर बनी जेपीसी का समय बढ़ाने की मांग की। साथ ही सदन में एआई पर चर्चा की भी मांग की।
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