ओडिशा सरकार के अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप झूठा: बीजद
ओडिशा में बीजद ने आरोपों का खंडन किया कि राज्य सरकार के अधिकारियों ने अदाणी समूह से अक्षय ऊर्जा की आपूर्ति के लिए रिश्वत ली। पूर्व ऊर्जा मंत्री पीके देब ने कहा कि ये आरोप निराधार हैं और ओडिशा सरकार का...
भुवनेश्वर, एजेंसी। ओडिशा में वर्ष 2000 से जून 2024 तक सत्ता में रहे बीजद ने शुक्रवार को कहा कि ये आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं कि राज्य सरकार के अधिकारियों ने केंद्रीय पूल से राज्य को अक्षय ऊर्जा की आपूर्ति के लिए अदाणी समूह से रिश्वत ली। ओडिशा के पूर्व ऊर्जा मंत्री और बीजद विधायक पीके देब ने कहा कि ओडिशा के नाम पर लगाए गए आरोप निराधार हैं और तथ्यों पर आधारित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ओडिशा सरकार का इस समझौते से कोई लेना-देना नहीं है। जो भी समझौता हुआ, वह ग्रिडको, वितरण कंपनी और केंद्र सरकार के उपक्रम एसईसीआई (सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड) के बीच ही सीमित रहा। इन सभी मामलों में राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं है, हालांकि प्रशासन को बिजली बिक्री समझौते (पीएसए) के बारे में सूचित किया गया था।
ओडिशा और अन्य राज्यों में अंतरः
देब ने दावा किया कि ओडिशा और अन्य राज्यों के बीच अंतर है। उन्होंने कहा कि हमने ओडिशा में बिजली वितरण का निजीकरण कर दिया है, जबकि अन्य राज्य सीधे तौर पर यह काम कर रहे हैं। यहां टाटा पावर बिजली आपूर्ति का वितरण कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि समझौते में अदाणी, एसईसीआई, ग्रिडको और वितरण कंपनी शामिल हो सकती है।
देब ने कहा कि बिजली से जुड़े सभी समझौतों को स्वायत्त संस्था ओईआरसी (ओडिशा विद्युत विनियामक आयोग) की मंजूरी मिलती है। ग्रिडको भी अर्द्ध-स्वायत्त है। इसलिए, समझौतों में राज्य सरकार की कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं है। न तो ऊर्जा विभाग के मंत्री और न ही सचिव ऐसे सभी समझौतों में शामिल होते हैं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।