अस्पताल निरीक्षण में फर्जी मरीजों की पहचान के लिए दिशानिर्देश जारी
- नए संस्थान स्थापित करने के लिए फर्जीवाड़े पर एनएमसी सख्त नई
- नए संस्थान स्थापित करने के लिए फर्जीवाड़े पर एनएमसी सख्त नई दिल्ली, एजेंसी।
राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने नए संस्थान स्थापित करने या स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की सीट बढ़ाने की मंजूरी से पहले चिकित्सा महाविद्यालयों और अस्पतालों का निरीक्षण करने के दौरान फर्जी मरीजों की पहचान के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
इस तरह की पहल पहली बार की गई है। ये दिशानिर्देश कुछ चिकित्सा संस्थानों द्वारा बिस्तरों की उपलब्धता और जांच की आवश्यकता को पूरा करने के लिए फर्जी मरीजों (ऐसे व्यक्ति जिन्हें किसी उपचार की आवश्यकता नहीं है) को भर्ती करने के मामलों के सामने आने के बाद जारी किए गए हैं। इसके अनुसार निरीक्षण के दिन या उससे पहले के दिन बड़ी संख्या में मरीजों का भर्ती, एक ही परिवार के कई मरीजों का भर्ती होना या मरीज जिनमें कोई समस्या नहीं है या मामूली समस्या होना जिनका उपचार ओपीडी में संभव है, फर्जी मरीजों की पहचान करने का एक मापदंड हो सकते हैं।
निरीक्षण करने वालों को अन्य मापदंड पर भी ध्यान में रखना होगा कि क्या बाल चिकित्सा वार्ड में भर्ती किए गए बच्चे बिना किसी गंभीर समस्या के चंचल और प्रसन्नचित्त पाए गए हैं या उन्हें निवारक स्वास्थ्य जांच या शिविरों के माध्यम से बड़ी संख्या में भर्ती किया गया है। आयोग ने चेताया है कि फर्जी मरीज की परिपाटी को गंभीर उल्लंघन माना जाएगा और नियमों के अनुसार दंड के लिए कदम उठाए जाएंगे।
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