सड़क दुर्घटनाओं को 2030 तक आधा करने का लक्ष्य: गडकरी
सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारत में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि हुई है। उन्होंने खराब सड़क निर्माण को गैर-जमानती अपराध बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। गडकरी का लक्ष्य 2030 तक...
या, खराब सड़क निर्माण को गैर-जमानती अपराध बनाया जाए: गडकरी
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- भारत दुनिया में सड़क दुर्घटनाओं में पहले स्थान पर है
- काफी प्रयासों के बाद भी बीते दो दशक से बनी हुई है यह स्थिति
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि सरकार के तमाम प्रयास के बावजूद देश में सड़क दुर्घटनाएं और उनमें मृतकों की संख्या में वृद्धि हुई है। सरकार की कोशिश होगी कि 2030 तक इस आंकड़ें में 50 फीसदी तक कमी लाई जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि खराब सड़क के निर्माण को गैर-जमानती अपराध बनाया जाना चाहिए।
गडकरी ने उद्योग निकाय भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत दुनिया में सड़क दुर्घटनाओं में पहले स्थान पर है। और यह स्थिति पिछले दो दशक से बनी हुई है। उन्होंने दुख जताते हुए कहा कि आंकड़ों के अनुसार, 2023 में देश में पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 1,72,000 लोगों की मौत हुई। गडकरी ने कहा कि इनमें से 66.4 प्रतिशत यानी 1,14,000 लोग 18-45 वर्ष आयु वर्ग के थे, जबकि 10,000 बच्चे थे। उन्होंने बताया कि 55,000 लोगों की मौत हेलमेट न पहनने के कारण और 30,000 लोगों की मौत सीट बेल्ट न लगाने के कारण हुई। जबकि पूर्व में पांच लाख सड़क हादसों में मृतकों की संख्या डेढ़ लाख के आसपास बनी हुई थी। सड़क परिवहन मंत्रालय का लक्ष्य 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को घटाकर आधा करने का है।
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जिम्मेदारी तय करने से ही होगा सुधार
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अधिकांश सड़क दुर्घटनाएं त्रुटिपूर्ण डीपीआर और खराब सड़क निर्माण के कारण होती हैं। इसको गैर-जमानती अपराध बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सड़क ठेकेदारों और इंजीनियरों को दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और उन्हें जेल भेजा जाना चाहिए। तभी सुधार की उम्मीद की जा सकती है।
गडकरी ने कहा कि राजमार्ग मंत्रालय, राजमार्गों पर ब्लैक स्पॉट (दुर्घटना के लिहाज से संवेदनशील स्थान) को ठीक करने के लिए 40,000 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है। गडकरी ने उद्योग और अन्य संबंधित इकाइयों से आग्रह किया कि वे देश में ड्राइवरों (वाहन चालकों) की भारी कमी को दूर करने के लिए प्रशिक्षण और फिटनेस केंद्र स्थापित करने के लिए सरकार के साथ साझेदारी करें।
जन आंदोलन बने सड़क सुरक्षा पहल
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव वी. उमाशंकर ने कहा कि सड़क सुरक्षा पहल को एक जन आंदोलन में बदला जाना चाहिए। उन्होंने कहा, हर दुर्घटना स्थल की अपनी कहानी है, हर ब्लैक स्पॉट की अपनी कहानी है। हमें जिला स्तर पर लोगों को जागरूक करने की जरूरत है।
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