Hindi Newsएनसीआर न्यूज़नई दिल्लीNew UPI-Based Block System for Share Trading to Empower Investors from February 1

आईपीओ की तर्ज पर खाते में राशि रोक सकेंगे

नई दिल्ली में, पात्र शेयर ब्रोकरों को एक फरवरी से अपने ग्राहकों को शेयरों की खरीद-बिक्री के लिए यूपीआई आधारित 'ब्लॉक' व्यवस्था का उपयोग करने की अनुमति देनी होगी। इससे निवेशकों की स्थिति मजबूत होगी।...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 2 Oct 2024 07:03 PM
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नई दिल्ली, एजेंसी। पात्र शेयर ब्रोकरों को एक फरवरी से अपने ग्राहकों को शेयर की खरीद-बिक्री को लेकर यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) आधारित 'ब्लॉक' व्यवस्था के उपयोग की अनुमति देनी होगी या फिर वे एक कारोबारी खाते में तीन सुविधाओं की पेशकश करेंगे। इस कदम से निवेशकों की स्थिति मजबूत और सशक्त होगी। पात्र शेयर ब्रोकर को कारोबार के मौजूदा तरीके के अलावा, इन दो विकल्पों में से एक की पेशकश करनी होगी। एक कारोबारी खाते में तीन सुविधाओं के तहत बचत खाते, डीमैट खाते और कारोबारी खाते को जोड़ा जाता है। इस मामले में, ग्राहकों के बैंक खाते में उनकी धनराशि होगी और शेष राशि पर ब्याज मिलेगा।

सेबी के निदेशक मंडल ने सोमवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इसके तहत पात्र शेयर ब्रोकरों को अगले साल एक फरवरी से या तो अपने ग्राहकों को द्वितीयक बाजार (नकद खंड) में यूपीआई आधारित ब्लॉक व्यवस्था के उपयोग की अनुमति देनी होगी या फिर वे एक कारोबारी खाते में तीन सुविधाओं की पेशकश करेंगे। यूपीआई आधारित ब्लॉक व्यवस्था एसबीए (एप्लीकेशन सर्पोटेड बाई ब्लॉक्ड एमाउंट्स) जैसी होगी।

यूपीआई ब्लॉक व्यवस्था में, कारोबारियों को ब्रोकर को पहले से पैसा देने की जरूरत नहीं होगी। वे अपने बैंक खातों में अवरुद्ध धनराशि के आधार पर द्वितीयक बाजार में कारोबार कर सकते हैं। पात्र शेयर ब्रोकर के ग्राहकों के पास विकल्प होगा कि वे या तो कारोबारी सदस्यों को कोष अंतरित कर कारोबार की मौजूदा सुविधा को जारी रखें या नई सुविधा का विकल्प चुनें।

कारोबारी सदस्यों को आकार और परिचालन के पैमाने के आधार पर पात्र शेयर ब्रोकर के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। बाजार नियामक सेबी ने जनवरी, 2019 से आईपीओ जैसे सार्वजनिक निर्गम के लिए मध्यस्थों के माध्यम से जमा किये जाने वाले खुदरा निवेशकों के आवेदनों को लेकर भुगतान व्यवस्था के रूप में धन को खाते में ही अवरुद्ध करने की सुविधा शुरू की थी। इसके तहत आरबीआई द्वारा अनुमोदित यूपीआई का उपयोग शुरू किया था।

शेयरों की खरीद-बिक्री के लिए 'ब्लॉक' व्यवस्था के माध्यम से प्रायोगिक तौर पर यानी बीटा संस्करण एक जनवरी, 2024 को व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवार के लिए शुरू किया गया था और इसे केवल नकद खंड पर लागू किया गया था। वर्तमान में, यह सुविधा निवेशकों के लिए वैकल्पिक है।

निवेशकों की संपत्ति 110.57 लाख करोड़ रुपये बढ़ी

तेजी के रथ पर सवार घरेलू शेयर बाजार में इस साल मानक सूचकांकों के लगातार नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बीच निवेशकों की संपत्ति में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इस साल अबतक बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों के कुल बाजार पूंजीकरण में 110.57 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इन कंपनियों का कुल पूंजीकरण बढ़कर 474.83 लाख करोड़ रुपये (5.67 लाख करोड़ डॉलर) हो गया है। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार मूल्यांकन 27 सितंबर को 477.93 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था। उसी दिन सेंसेक्स ने 85,978.25 अंक के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर को छुआ था। बीएसई के मानक सूचकांक सेंसेक्स ने कैलेंडर वर्ष 2024 में अब तक 12,026.03 अंक यानी 16.64 प्रतिशत की छलांग लगाई है। सेंसेक्स साल की शुरुआत में 72,271.94 अंक के स्तर पर था।

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