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वित्त मंत्री ने लोकसभा में पेश किया नया आयकर विधेयक

- समीक्षा के लिए सदन की प्रवर समिति के पास भेजा गया नया विधेयक

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 13 Feb 2025 06:07 PM
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वित्त मंत्री ने लोकसभा में पेश किया नया आयकर विधेयक

- समीक्षा के लिए सदन की प्रवर समिति के पास भेजा गया विधेयक - नया आयकर कानून को संक्षिप्त, स्पष्ट, पढ़ने और समझने योग्य बनाने का प्रस्ताव

नई दिल्ली। विशेष संवाददाता

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में नया आयकर विधेयक-2025 पेश कर दिया, जिसे समीक्षा के लिए सदन की प्रवर समिति के पास भेज दिया गया है। अब माना जा रहा है कि दूसरे बजट सेशन के पहले दिन समिति अपनी रिपोर्ट दे सकती है। उसके बाद संसद विधेयक को पारित करने पर विचार करेगी। वित्त मंत्री द्वारा पेश किए गए विधेयक में आयकर कानून को संक्षिप्त, स्पष्ट, पढ़ने और समझने में पहले से आसान बनाना का प्रस्ताव है।

नए आयकर विधेयक में करीब 2.6 लाख शब्द होंगे, जबकि मौजूदा आयकर अधिनियम- 1961 में 5.12 लाख शब्द हैं। इसका मतलब है कि गैर जरूरी शब्दों को हटाकर आयकर कानून को सरल बनाया जा रहा है। विधेयक के हिसाब से 18 तालिकाओं की तुलना में 57 से अधिक तालिकाओं को शामिल किया गया है, जिससे कानून से जुड़े प्रावधानों को समझना आसान है। उप-धाराओं और खंडों का भी उपयोग किया गया है। अपवादों को सुझाने के लिए सभी संदर्भों को एकत्र करके उन्हें स्पष्ट बनाया गया है। मौजूदा समय के हिसाब से गैर जरूरी हो चुके करीब 1200 प्रावधान और 900 स्पष्टीकरण को हटाया दिया गया है। नए विधेयक में सरलीकृत संदर्भ प्रणाली का प्रस्ताव है, जिसमें प्रावधानों को तालिका और सूत्रों के माध्यम से समझने पर जोर दिया गया है। उदाहरण के लिए नए विधेयक में धारा 133 (1)(बी)(ii) होगी। जबकि मौजूदा अधिनियम में धारा-133 की उपधारा (1) के खंड (बी) के उप-खंड (ii) का उल्लेख किया जाता है। यह परिवर्तन अधिनियम की भाषा को समझने में आसान बनाएगा। विधेयक में पिछले वर्ष की अवधारणाओं को समाप्त करने का भी प्रावधान है। सरल भाषा का उपयोग करके कर कानून की पठनीय बनाया गया। करदाता व अन्य लोग आसानी से कर की भाषा को समझ सकें, इसके लिए तालिका प्रारूपों का व्यापक उपयोग किया गया है। टीडीएस प्रावधान को सारणीबद्ध रूप में प्रस्तुत किया गया है। व्यापक कवायद के बाद नए विधेयक का आकार करीब आधा रह गया है।

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मौजूदा आयकर अधिनियम के मुकाबले नए आयकर संशोधन विधेयक में प्रस्तावित शब्दों की कमी

विषय अब तक शब्द विधेयक 2025 में शब्द कुल कमी

छूट संबंधित प्रावधान 30000 13500 16500

टीडीएस/टीसीएस 27453 14606 12847

गैर लाभसंगठन 12800 7600 5200

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करीब 21 हजार सुझावों पर किया गया विचार

आयकर में सरलीकरण को लेकर वित्त मंत्रालय द्वारा गठित समिति को कुल 20,976 ऑनलाइन सुझाव मिले। इन सुझावों को नीति और भाषा संबंधी के क्रम में वर्गीकृत किया गया। उसके बाद अच्छे सुझावों को सुधार संबंधी विधेयक में शामिल किया गया। सरलीकरण, अनावश्यक व अप्रचलित प्रावधानों को हटाने के लिए उद्योग जगत के साथ बैठकें की गई। आयकर विभाग ने पेशेवर विशेषज्ञों और क्षेत्रीय स्तर पर विचार विमर्श किया। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी कुछ कराधान अधिकारियों के साथ परामर्श किया गया। खास तौर पर जिन देशों ने हाल के वर्षों में अपने यहां पर करधान व्यवस्था को सरलीकरण करने के लिए कुछ कदम उठाए। उन देशों में ऑस्ट्रेलिया और यूके शामिल है। ऑस्ट्रेलिया में 1994 से 1997 के दौरान इसी तरह की प्रक्रिया अपनाई और सरलीकरण किया । यूके ने 1994 से 2010 सरलीकरण में अपने यहां पर सरलीकरण की प्रक्रिया को अपनाया।

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150 अधिकारियों की सीमित को लगाया गया

नया आयकर विधेयक तैयार करने के लिए आयकर अधिनियम 1961 की गैरजरूरी प्रावधान और भाषा संबंधी दिक्कतों को जांचने के लिए 150 अधिकारियों की टीम एक सीमित के तौर पर लगाई गई। समिति में शामिल अधिकारियों ने 60 हजार से अधिक मानव घंटे समर्पित करके नए विधेयक को अंतिम रूप दिया।

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विधेयक में अहम प्रावधान

- एनजीओ अध्याय को सरल भाषा के प्रयोग से अधिक व्यापक बनाया गया है। तालिकाओं के माध्यम से सरलता और बड़ी संख्या में प्रावधानों को अनुसूचियों में रखा गया है।

- वेतनभोगी कर्मचारियों से संबंधी सभी प्रावधानों को आसानी के लिए विधेयक में एक ही जगह पर रखा गया है।

- विशिष्ट आय और व्यक्तियों के लिए छूट से संबंधित प्रावधानों को स्थानांतरित किया गया। उन्हें अलग से एक जगह पर उल्लेखित किया गया है।

- ग्रेच्युटी, अवकाश नकदीकरण, पेंशन का रूपान्तरण, वीआरएस पर मुआवजा और छंटनी मुआवजा जैसे प्रावधान अब वेतन अध्याय का ही हिस्सा हैं।

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