एडीएम आत्महत्या मामला: केरल की अदालत ने माकपा नेता दिव्या को जमानत दी
केरल की अदालत ने माकपा नेता पी.पी. दिव्या को नवीन बाबू की मौत से संबंधित मामले में जमानत दी। नवीन बाबू की पत्नी ने कहा कि परिणाम अप्रत्याशित है और वे अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे। सत्तारूढ़ पार्टी ने...
- नवीन बाबू की पत्नी बोलीं, अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे - सत्तारूढ़ पार्टी ने पी.पी. दिव्या के लिए समर्थन का संकेत दिया
कन्नूर, एजेंसी। केरल की एक अदालत ने कन्नूर के पूर्व अतिरिक्त जिलाधिकारी (एडीएम) नवीन बाबू की मौत से संबंधित मामले में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की नेता पी.पी. दिव्या को शुक्रवार को जमानत दे दी। फैसले के बाद नवीन बाबू की पत्नी ने कहा कि यह परिणाम अप्रत्याशित है और परिवार अपने वकील से विचार-विमर्श के बाद आगे की कार्रवाई पर निर्णय लेगा। वे अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे। इस बीच, राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी ने भी दिव्या के लिए समर्थन का संकेत दिया और कहा कि पूर्व पंचायत अध्यक्ष कोई दुश्मन नहीं हैं बल्कि वह पार्टी की काडर हैं।
नवीन बाबू को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में दिव्या के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। थालास्सेरी के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के.टी. निसार अहमद ने कन्नूर जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष दिव्या को राहत प्रदान की। दिव्या अब तक न्यायिक हिरासत में थीं और उन्होंने 29 अक्तूबर को अदालत द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद नियमित जमानत के लिए याचिका दायर की थी।
दिव्या ने 14 अक्तूबर को कथित रूप से बिना आमंत्रण के एडीएम के विदाई समारोह में पहुंचकर चेंगलाई में एक पेट्रोल पंप की मंजूरी में कई महीनों की देरी को लेकर बाबू की आलोचना की थी। उन्होंने यह टिप्पणी भी की थी कि उन्होंने (बाबू ने) स्थानांतरण के दो दिन बाद ही इसकी मंजूरी दे दी। उन्होंने यह संकेत दिया था कि वह अचानक मंजूरी दिए जाने के कारणों को जानती हैं। अगले दिन बाबू कन्नूर स्थित अपने आवास पर मृत पाए गए थे। इसके बाद पुलिस ने दिव्या के खिलाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 108 के तहत एडीएम को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया।
शर्तों के साथ दी गई दिव्या को जमानत :
दिव्या की जमानत शर्तों में शामिल है कि वह कन्नूर जिला नहीं छोड़ेंगी, मामले में गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगी और सोमवार को जांच अधिकारी के समक्ष पेश होंगी। अदालत ने उन्हें जमानत देते समय एक और शर्त यह रखी कि उनके लिए दो व्यक्तियों को जमानतदार बनना होगा। उनके वकील ने अदालत के बाहर मीडिया से कहा कि जमानत मिलना राहत की बात है, लेकिन अदालत के सामने बहुत सी बातें सामने आनी बाकी हैं। वकील ने कहा, सच्चाई सामने आनी चाहिए।
माकपा ने दिव्या के प्रति जताया समर्थन :
इस बीच, सत्तारूढ़ माकपा द्वारा दिव्या को कन्नूर जिला समिति से हटाने के निर्णय की खबरों के बीच पार्टी के राज्य सचिव एम वी. गोविंदन ने कहा, पार्टी का उद्देश्य कार्यकर्ताओं को खत्म करना नहीं बल्कि उन्हें सही राह दिखाना है। पार्टी नेताओं द्वारा दिव्या से मुलाकात करना गलत नहीं है और जब वह जेल से बाहर आएंगी तो वे उनसे मिलेंगे। उन्होंने कहा, वह पार्टी की दुश्मन नहीं हैं। वह पार्टी की कार्यकर्ता हैं। जब कोई कार्यकर्ता गलती करता है तो पार्टी उसे सुधारेगी और आगे बढ़ेगी। माकपा के राज्य सचिव ने यह भी कहा कि पार्टी ने पहले ही संकेत दे दिया है कि वह बाबू के परिवार के साथ है। दिव्या को जमानत दिए जाने का कन्नूर में पार्टी नेताओं ने स्वागत किया। उन्होंने कहा कि उनके (दिव्या) भी मानवाधिकार सहित कुछ अधिकार हैं। पार्टी की जिला समिति के कुछ जिला नेता जेल के बाहर उनका इंतजार करते देखे गए, जहां उन्हें हिरासत में रखा गया है।
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