विदेश :: भूकंप पैकेज:: म्यांमार में सागाइंग फॉल्ट के कारण आता रहता है भूकंप
म्यांमार में भूकंप आना सामान्य है, क्योंकि यह सागाइंग फॉल्ट पर स्थित है। 1930 से 1956 के बीच 7.0 तीव्रता वाले छह भूकंप आए थे। 2016 में 6.8 तीव्रता के भूकंप ने तीन लोगों की जान ली थी। हाल ही में,...

- 1930 और 1956 के बीच 7.0 तीव्रता वाले छह भूकंप आ चुके - 2016 में आए 6.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप से तीन की हो गई थी मौत
बैंकॉक, एजेंसी।
विशेषज्ञों के मुताबिक, म्यांमार में भूकंप आना अपेक्षाकृत आम बात है। क्योंकि म्यांमार सागाइंग फॉल्ट पर मौजूद है, जो भूकंप वाला क्षेत्र है। यह मध्य म्यांमार से उत्तरी म्यांमार तक फैला हुआ है। यह फॉल्ट भारतीय और यूरेशनियन प्लेटों के बीच है और इन्हीं के टकराने की वजह से पूरे क्षेत्र में भूकंप आते हैं। सागाइंग फॉल्ट के पास 1930 और 1956 के बीच 7.0 तीव्रता या उससे अधिक के छह शक्तिशाली भूकंप आए थे। मध्य म्यांमार में प्राचीन राजधानी बागान में 2016 में आए 6.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने तीन लोगों की जान ले ली थी। इस दौरान पर्यटन स्थल पर मीनारें और मंदिर की दीवारें ढह गईं थीं।
म्यांमार में एक दिन में छह भूकंप आए
म्यांमार में दो शक्तिशाली तीव्रता वाले भूकंप के झटके आने से काफी नुकसान हुआ है। इस बारे में नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने जानकारी दी कि शुक्रवार को म्यांमार में छह बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि, इनकी तीव्रता काफी कम रही। यह झटके भी मध्य म्यांमार में ही 10 किमी की गहराई में आया। वहीं थाइलैंड में करीब तीन बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। इनकी भी तीव्रता कम दर्ज की गई। इससे पहले दोपहर 12 बजे के करीब म्यांमार में दो बार 7.7 और 6.4 तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किए गए।
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