Hindi Newsएनसीआर न्यूज़नई दिल्लीMinister Piyush Goyal Expresses Concerns Over E-commerce Expansion Impacting Small Retailers

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री ने अमेजन के निवेश पर उठाए सवाल

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अमेजन जैसी कंपनियां भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचा रही हैं। उन्होंने छोटे विक्रेताओं के सामने कोई रुकावट पैदा न होने देने की बात कही। साथ ही,...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 21 Aug 2024 06:17 PM
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- मंत्री ने कहा देश में ई-कॉमर्स कंपनियों का विस्तार पर जताई चिंता, छोटे विक्रेताओं के सामने पैदा नहीं होने देंगे कोई रुकावट नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि भारत में अमेजन जैसी कंपनियां निवेश करके देश की अर्थव्यवस्था को सहयोग नहीं कर रही है। इन कंपनियों द्वारा नौकरी देने के किए जा रहे दावों को जांचने की जरूरत है। बुधवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी सशक्त बनाने, नए परिवर्तन लाने और उपभोक्ताओं की आवश्यक्ताओं को पूरा करने का साधन है लेकिन यह सुनिश्चित किया जाना जरूरी है कि परंपरागत खुदरा बाजार को कोई नुकसान न हो। हम यह सुनिश्चित कराएंगे कि बाजार हिस्सेदारी की दौड़ में छोटे खुदरा विक्रेताओं के सामने कोई रुकावट न हो।

इस मौके पर मंत्री ने ई-कॉमर्स कंपनियों की भूमिका पर पहल इंडिया फाउंडेशन (पीआईएफ) की रिपोर्ट जारी की। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में रोजगार के अवसर पैदा करने में ई-कॉमर्स कंपनियों की भूमिका को भी जांचने और परखने की आवश्यकता है। दरअसल रिपोर्ट में दावा किया गया कि ई-कॉमर्स कंपनियां ज्यादा रोजगार दे रही है। मंत्री ने कहा कि अगले एक दशक में भारत का आधा बाजार ई-कॉमर्स का हिस्सा बन सकता है। ई-कॉमर्स के बढ़ते दायरे को लेकर उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि देश में एक बड़ा वर्ग है जो अभी भी हमारी मदद का हकदार है। जब भी भारत के भविष्य के लिए नौकरियों और अवसरों की बात आती है, तो मुझे लगता है कि हम सभी को अपनी भूमिका निभानी होगी। ई-कॉमर्स के बढ़ते दायरे के बीच सरकार यह सुनिश्चित कराने का काम करेगी 100 बिलियन खुदरा विक्रेताओं के सामने किसी भी तरह का कोई व्यवधान उत्पन्न न हो। उन्होंने कहा कि हम ई-कॉमर्स बाजार को प्रभावित करने या रोकने की बात नहीं कर रहे हैं लेकिन हम सभी को सकारात्मक होकर सोचने की जरूरत है, जिससे कि खुदरा विक्रेताओं का भी नुकसान न हो।

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