Hindi Newsएनसीआर न्यूज़नई दिल्लीMeghalaya Border Villagers Concerned Over Bangladesh Unrest Tripura Minister Warns of Connectivity Project Delays

मेघालय में ग्रामीण बाड़ मजबूत कर रहे, रात में निगरानी भी बढ़ाई

बांग्लादेश में अशांति के कारण मेघालय के सीमा गांव के लोग घुसपैठ को लेकर चिंतित हैं और बांस की बाड़ को मजबूत कर रहे हैं। त्रिपुरा के मंत्री ने बांग्लादेश से जोड़ने वाली परियोजनाओं में देरी की संभावना...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 11 Aug 2024 04:26 PM
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शिलॉन्ग/अगरतला, एजेंसी। बांग्लादेश में फैली अशांति से मेघालय में अंतरराष्ट्रीय सीमा से कुछ मीटर दूरी पर बसे एक गांव के लोग सीमा पार से घुसैपठ की आशंका को लेकर काफी चिंतित हैं। ईस्ट खासी हिल्स जिले के लिंगखॉन्ग गांव के लोग बांग्लादेश को उनके गांव से अलग करने वाली बांस की बाड़ को मजबूत करने में लगे हैं और रातभर जागकर निगरानी तक कर रहे हैं। इस गांव में 90 से अधिक लोग रहते हैं, जिन्होंने सीमा पार से होने वाले मामूली अपराधों को रोकने के लिए कोविड महामारी के दौरान सीमा पर बांस की एक पतली बाड़ लगा दी थी। लिंगखॉन्ग, मेघालय के उन क्षेत्रों में से एक है जहां भूमि सीमांकन संबंधी मुद्दों और अंतरराष्ट्रीय सीमा स्तंभ या जीरो लाइन के 150 गज के भीतर बस्तियों के होने के कारण सीमा बाड़ का निर्माण नहीं किया जा सका।

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बांग्लादेश के साथ कनेक्टिविटी परियोजना में देरी हो सकती है : त्रिपुरा के मंत्री

त्रिपुरा के परिवहन मंत्री सुशांत चौधरी ने कहा कि बांग्लादेश से जोड़ने वाली परियोजना अगरतला-अखौरा रेल लिंक और मैत्री पुल में देरी हो सकती है। पड़ोसी देश में राजनीतिक अशांति और सत्ता परिवर्तन इसका कारण है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के साथ ‘कनेक्टिविटी की ज्यादातर परियोजनाएं लगभग पूरी हो गई हैं, लेकिन अब यह भरोसा नहीं है कि ये कब शुरू होंगी। कुल 972.52 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा अगरतला-अखौरा रेल लिंक भारत के पूर्वोत्तर और बांग्लादेश के बीच व्यापार को प्रोत्साहित करने वाली पहली रेलवे कनेक्टिविटी परियोजना है। इस परियोजना का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पिछले साल एक नवंबर को किया था।

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