मणिपुर में प्रतिबंधित संगठनों के 11 उग्रवादी गिरफ्तार
आरोपियों से हथियार और गोला-बारूद बरामद 13 फरवरी से राज्य में लागू है राष्ट्रपति

आरोपियों से हथियार और गोला-बारूद बरामद 13 फरवरी से राज्य में लागू है राष्ट्रपति शासन इंफाल, एजेंसी। मणिपुर में विभिन्न प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े 11 लोगों को राज्य के इंफाल-ईस्ट, काकचिंग और थौबल जिलों से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी गिरफ्तारियां सोमवार को की गईं। इंफाल-ईस्ट जिले के मंत्रीपुखरी फ्रेंच कॉलोनी से प्रतिबंधित कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (पीडब्ल्यूजी) के चार उग्रवादियों को पकड़ा गया। जारी बयान के अनुसार, ये लोग ‘घाटी क्षेत्रों में अलग-अलग जगहों पर हथगोला रखकर आम जनता को धमकाने में शामिल थे। उनके पास से दो पिस्तौल, दो मैगजीन और गोला-बारूद बरामद किए गए हैं।
इसी संगठन के तीन सक्रिय सदस्यों को कीराओ वांगखेम और इंफाल ईस्ट में आसपास के इलाकों से एक अलग अभियान में पकड़ा गया। इनके पास से पांच हथियार, गोला-बारूद और एक वायरलेस संचार उपकरण बरामद हुआ। एक अन्य कार्रवाई में, प्रतिबंधित पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के एक सदस्य को उगाही गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में इंफाल-ईस्ट के साओम्बुंग कबुई खुंजाओ इलाके से पकड़ा गया। उसके पास से दो पिस्तौल, एक हथगोला और एक डेटोनेटर बरामद हुआ। एक स्थानीय पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रतिबंधित केसीपी (अपुंबा) के दो सक्रिय उग्रवादियों को थौबल जिले के वांगजिंग अवांग लीकाई में एक मकान से गिरफ्तार किया गया। ये दोनों उगाही में लिप्त थे। वहीं, काकचिंग जिले के अंगांग छिंग क्रॉसिंग से केसीपी (तैबंगनबा) संगठन का एक उग्रवादी पकड़ा गया। मणिपुर में दो साल से जारी जातीय हिंसा के बाद से सुरक्षा बलों का तलाशी अभियान लगातार जारी है। मई 2023 से मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच जारी हिंसा में अब तक 260 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों बेघर हो चुके हैं। केंद्र सरकार ने 13 फरवरी को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया था। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद विधानसभा को निलंबित कर दिया गया।
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