महिला के यौन उत्पीड़न मामले में व्यक्ति को सात साल सश्रम कारावास की सजा
दिसंबर 2022 में रोहिणी जिला अदालत ने एक व्यक्ति को महिला के यौन उत्पीड़न के लिए सात साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने पीड़िता को तीन लाख रुपये मुआवजा देने का भी आदेश दिया। यह मामला आईपीसी की...

- मामला दिसंबर 2022 का है, अदालत ने पीड़िता को तीन लाख रुपये मुआवजा देने का भी दिया आदेश नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। रोहिणी जिला अदालत ने दिसंबर 2022 में महिला का यौन उत्पीड़न करने के जुर्म में एक व्यक्ति को सात साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। व्यक्ति को आईपीसी की धारा 354 (महिला की गरिमा को भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) और 354 बी (महिला के कपड़े उतारने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) के तहत दोषी ठहराया गया था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुशील बाला डागर की अदालत 41 वर्षीय व्यक्ति के खिलाफ सजा की अवधि पर दलीलें सुन रही थीं। अदालत ने आदेश में कहा कि दोषी को दी जाने वाली सजा घृणित कृत्य की गंभीरता के अनुरूप होनी चाहिए। अदालत ने कहा कि पीड़िता को यौन उत्पीड़न, मानसिक और शारीरिक आघात का सामना करना पड़ा है। घटना के कारण न केवल पीड़िता बल्कि उसके परिवार के सदस्यों को भी अपमान सहना पड़ा। अदालत ने पीड़िता को मुआवजे के तौर पर तीन लाख रुपये दिए जाने का आदेश दिया।
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