एलडीसी सदस्यों ने बौद्धिक संपदा अधिकार पर अस्थायी रोक का समर्थन किया
संयुक्त राष्ट्र। एजेंसी सबसे कम विकसित देशों (एलडीसी) के 46 सदस्यीय समूह ने कहा...
संयुक्त राष्ट्र। एजेंसी
सबसे कम विकसित देशों (एलडीसी) के 46 सदस्यीय समूह ने कहा है कि वे कोविड-19 टीकों के लिए बौद्धिक संपदा अधिकारों पर अस्थायी रोक लगाने के भारत और दक्षिण अफ्रीका के विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) से किए गए आग्रह का समर्थन करते हैं। इससे इन देशों तक कोविड टीकों की पहुंच बढ़ेगी।
कोविड-19 के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में अग्रिम भूमिका निभा रहे भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को पिछले महीने बताया था कि टीकों में असमानता वायरस की रोकथाम के सामूहिक वैश्विक संकल्प को कमजोर कर देगी, क्योंकि टीकों तक पहुंच में असमानता से गरीब देश सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।
भारत और दक्षिण अफ्रीका ने डब्ल्यूटीओ से सीमित समय के लिए कोविड-19 से जुड़े बौद्धिक संपदा अधिकारों पर रोक लगाने का आग्रह किया था ताकि टीकों का निर्माण तेजी से किया जाएगा और सभी के लिए टीकों की किफायती उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।
एलडीसी के प्रमुख एवं मालावी राष्ट्रपति लेजारस मैककार्थी चाकवेरा ने विकास फोरम के लिए छठे वित्तपोषण के दौरान कहा, हम कोविड-19 वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए डब्ल्यूएचओ के आभारी हैं। हम कोवैक्स सुविधा के लिए पर्याप्त एवं उम्मीद के मुताबिक वित्तपोषण, टीके की पहुंच का आह्वान करते हैं ताकि सुनिश्चित हो कि कोविड-19 टीके के 20 प्रतिशत के वर्तमान प्रावधान से अधिक उपलब्ध हो। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एलडीसी हमारे देशों में कोविड-19 टीकों की पहुंच को बढ़ाने के मकसद से बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार संबंधित पहलू के अमल पर अस्थायी रोक लगाने के लिए डब्ल्यूटीओ के समक्ष किए गए भारत और दक्षिण अफ्रीका के आग्रह का समर्थन करते हैं।
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