Hindi NewsNcr NewsDelhi NewsKL Rahul Overcomes Mental Challenge of Batting Order Changes Aims to Remain in Final XI

खेल : किसी भी क्रम पर खेलने को तैयार राहुल

अनुभवी बल्लेबाज लोकेश राहुल ने कहा है कि उन्होंने बल्लेबाजी क्रम में लगातार बदलाव की मानसिक चुनौती पर काबू पा लिया है। वह टीम के लिए किसी भी स्थान पर बल्लेबाजी करने के लिए तैयार हैं। राहुल ने कहा कि...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 4 Dec 2024 04:48 PM
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शोल्डर : बोले, बल्लेबाजी क्रम में लगातार बदलाव की मानसिक चुनौती पर पा लिया है काबू, मैं सिर्फ अंतिम एकादश में रहना चाहता हूं एडिलेड, एजेंसी। अनुभवी बल्लेबाज लोकेश राहुल ने बुधवार को कहा कि उन्होंने बल्लेबाजी क्रम में लगातार बदलाव की मानसिक चुनौती पर काबू पा लिया है। वह टीम के लिए किसी भी स्थान पर बल्लेबाजी करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मुझे मेरे क्रम के बारे में बता दिया गया है। मैं सिर्फ अंतिम एकादश में रहना चाहता हूं, जिसका मतलब है कि जहां भी मौका मिले वहां टीम के लिए बल्लेबाजी करने के लिए तैयार रहूं।

इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने कप्तान रोहित शर्मा की गैर मौजूदगी में पर्थ में पहले टेस्ट में यशस्वी के साथ पारी का आगाज किया था। पहली पारी में 26 और दूसरी में 77 रन बनाए थे। शुक्रवार से शुरू होने वाले दिन-रात्रि टेस्ट में भी इसी जोड़ी के आगाज करने की पूरी उम्मीद है। रोहित चौथे और शुभमान गिल तीसरे क्रम पर उतरेंगे। राहुल ने ऑस्ट्रेलिया में अपना टेस्ट करियर एक दशक पहले मध्यक्रम बल्लेबाज के रूप में शुरू किया था। उन्होंने बाद में हालांकि सलामी बल्लेबाज की भूमिका भी निभाई। इस बीच टेस्ट और वनडे दोनों में उनका बल्लेबाजी क्रम लगातार बदलता रहा और इसने उन्हें मानसिक तौर पर प्रभावित भी किया।

उन्होंने कहा, मैंने कई स्थानों पर बल्लेबाजी की है। पहले यह थोड़ा चुनौतीपूर्ण था। यह चुनौती तकनीकी रूप से नहीं, बल्कि मानसिक रूप से थी कि शुरुआती 20-25 गेंदों को कैसे सामना करना है। मैं कितनी जल्दी आक्रामक रूख अपना सकता हूं? मुझे कितना सतर्क रहने की जरूरत है? ये ऐसी चीजें थी जो शुरू में मुझे परेशान करती थी। अब मुझे टेस्ट और वनडे में बल्लेबाजी क्रम में लगभग सभी जगहों पर खेलने का अनुभव है। इससे मुझे अंदाजा हो गया है कि मैं अपनी पारी को कैसे आगे बढ़ा सकता हूं। मैं चाहे शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी कर रहा हूं या मध्य क्रम में अगर मैं शुरुआत में 30-40 गेंदें खेलने में सफल रहा तो सब कुछ सामान्य बल्लेबाजी जैसा लगता है। मैं इसी पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करता हूं।

पहले ही बता दिया था : कर्नाटक के इस बल्लेबाज ने कहा, मुझे काफी पहले ही बता दिया गया था क्योंकि मैं न्यूजीलैंड (घरेलू) सीरीज के आखिरी दो मैचों को खेलने से चूक गया था। मुझे तैयार रहने को कहा गया था क्योंकि मुझे बल्लेबाजी में पारी का आगाज करने का मौका मिल सकता है। मुझे तैयारी के लिए काफी समय मिला। मैंने अपने करियर में काफी समय तक सलामी बल्लेबाजी की भूमिका निभाई है। मुझे बस फिर से इस तरह की परिस्थितियों से अभ्यस्त होना था। मैंने शीर्ष क्रम में काफी बल्लेबाजी की है और मुझे इसकी जरूरतों के बारे में अच्छे से पता है। मैंने शुरुआती टेस्ट से पहले काफी अभ्यास किया। मैं यहां की परिस्थितियों से सामंजस्य बैठाने के लिए यहां पहले पहुंच गया था। हमने कुछ अभ्यास मैच भी खेले और इससे मुझे अपनी तैयारी में मदद मिली।

गुलाबी गेंद की चुनौती को तैयार : राहुल ने कहा, क्षेत्ररक्षण के समय भी यह गेंद लाल गेंद के मुकाबले अधिक ठोस लगती है। ऐसा लगता है जैसे गेंद थोड़ी तेज गति से हाथ में आ रही है और अधिक ठोस है। बल्लेबाजी के दौरान भी ऐसा ही है। लगता है कि यह गेंद लाल गेंद की तुलना में अधिक गति से आ रही है और सीम से अधिक मदद हासिल कर रही है। हम इस चुनौती का इंतजार कर रहे हैं। यह मेरा पहला गुलाबी गेंद वाला मैच है इसलिए मैं मैदान में पहुंच कर असल चुनौती का सामना करना चाहूंगा। आप अगर गुलाबी गेंद को देखें तो इसकी चमक जल्दी खत्म नहीं होती है। इससे तेज गेंदबाजों को काफी मदद मिलेगी। पर्थ टेस्ट के पहले दिन भी गेंद को सीम से काफी मदद मिल रही थी।

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::: कोटस :::

'मुझे 25 साल जैसा महसूस हो रहा है। मैं कई बार चोटिल हुआ हूं और इससे यह बहुत लंबा समय लगता है। मैंने हालांकि हर पल का लुत्फ उठाया है। दस साल पहले मैंने ऑस्ट्रेलिया में अपनी पहली सीरीज खेली थी। उस समय मेरे दिमाग में बहुत कुछ चल रहा था। एक छोटे लड़के के रूप में सुबह पांच बजे उठकर अपने पिता के साथ ऑस्ट्रेलिया में होने वाली सीरीज को देखने से वहां खेलने तक। उस समय मैं अपनी बल्लेबाजी, रन बनाने के तरीके, शोर से दूर रहने के तरीके के बारे में उतना आश्वस्त नहीं था जितना अब हूं।' -केएल राहुल

नंबर गेम

-290 रन बनाए हैं ऑस्ट्रेलिया में 26.36 की औसत से छह मैचों में एक शतक से

-337 रन केएल ने इस सत्र में छह मैचों में 37.44 की औसत से बनाए हैं

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राहुल का टेस्ट में प्रदर्शन

क्रम पारियां रन सर्वश्रेष्ठ औसत 50/100

01 41 1601 199 40.02 8/4

02 36 1053 129 30.08 5/3

03 05 88 54 17.60 1/0

04 02 108 86 54.00 1/0

06 09 234 101 29.25 1/1

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बाक्स

स्पिनर निभाएंगे अहम भूमिका : क्यूरेटर

एडिलेड। दूसरे टेस्ट के दौरान स्पिन गेंदबाजों की भी अहम भूमिका होगी। एडिलेड ओवल के मुख्य क्यूरेटर डेमियन हॉग ने साथ ही वादा किया है कि पिच पर छह मिमी घास छोड़ी जाएगी जिससे कि यहां दिन-रात्रि मैच के दौरान गेंद जल्दी पुरानी नहीं हो। उन्होंने कहा, घास की मौजूदगी से शुरुआत में तेज गेंदबाजों को मदद मिलेगी जबकि मैच आगे बढ़ने के साथ स्पिनर की भूमिका भी बनेगी। इतिहास से पता चलता है कि एडिलेड में दूधिया रोशनी में बल्लेबाजी करना मुश्किल होता है। पिच पर छह मिमी घास होगी। हम प्रसास कर रहे हैं कि मैच के दौरान खेल के सभी पहलुओं को भूमिका निभाने का मौका मिले। हम ऐसी घास छोड़ने का प्रयास कर रहे हैं जो सूखी और सख्त हो। और हम ऐसा इसलिए कर रहे हैं जिससे कि अधिक से अधिक गति और उछाल हासिल कर सकें। स्पिन आमतौर पर भूमिका निभाती है। इसलिए घास के कारण गेंद तेजी से निकल सकती है और आम तौर पर अच्छा उछाल मिलता है। यही योजना है। उम्मीद है कि जैसे-जैसे गेंद पुरानी होती जाएगी बल्लेबाज इसका फायदा उठा पाएंगे। अगर कोई साझेदारी होती है तो वे इसका फायदा उठाएंगे। स्पिन हमेशा यहां अहम भूमिका निभाती है। आपको एक विशेषज्ञ स्पिनर चुनने की जरूरत है। कभी भी 'हम चुने या नहीं?' का सवाल नहीं होना चाहिए। हमेशा ऐसा होना चाहिए।

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अभद्र टिप्पणियों के बाद टीम इंडिया के अभ्यास में दर्शक प्रतिबंधित

एडिलेड। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी टेस्ट सीरीज में अब भारत के अभ्यास सत्रों में प्रशंसकों को अनुमति नहीं दी जाएगी। दूसरे टेस्ट से पहले टीम के अभ्यास के दौरान कुछ दर्शकों की अभद्र टिप्पणियों से खिलाड़ियों को परेशानी हुई। मंगलवार को अभ्यास सत्र प्रशंसकों के लिए खोल दिया गया। ऑस्ट्रेलिया के अभ्यास सत्र को देखने के लिए जहां सीमित संख्या में दर्शक पहुंचे थे। वहीं हजारों लोग भारतीय टीम को देखने के लिए एकत्र हुए। एडिलेड में अभ्यास सुविधा दर्शकदिर्धा के बहुत करीब हैं। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, यह पूरी तरह से अराजकता थी। ऑस्ट्रेलियाई प्रशिक्षण सत्र के दौरान 70 से ज्यादा लोग नहीं आए थे, लेकिन भारत के सत्र के दौरान लगभग 3000 लोग मौजूद थे। किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि इतने सारे प्रशंसक आएंगे। सिडनी में (पांचवें टेस्ट से पहले) एक और प्रशंसक दिवस था, जिसे रद्द कर दिया गया है, क्योंकि खिलाड़ी यहां की गई असभ्य और असंवेदनशील टिप्पणियों से बहुत आहत थे। एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि प्रशंसकों ने रोहित और पंत जैसे खिलाड़ियों को छक्के मारने के लिए उकसाया। कुछ प्रशंसकों ने टीम के खिलाड़ी की फिटनेस पर अभद्र टिप्पणी की। बहुत सारे लोगों की वजह से विराट और गिल को घेरा जा सकता था। कुछ लोग अपने दोस्तों के साथ फेसबुक लाइव कर रहे थे और बल्लेबाज के खेलने के समय जोर-जोर से बात कर रहे थे।

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