कर्नाटक : प्राचार्य को नहीं मिलेगा सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार
कर्नाटक सरकार ने उडुपी जिले के सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज के प्राचार्य बीजी रामकृष्ण को सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का पुरस्कार देने का निर्णय वापस ले लिया है। यह निर्णय मुस्लिम समुदाय के कार्यकर्ताओं की...
बेंगलुरु, एजेंसी। कर्नाटक सरकार ने उडुपी जिले के कुंदापुरा में सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज के प्राचार्य बीजी रामकृष्ण को सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का पुरस्कार देने का फैसला वापस ले लिया है। शिक्षा विभाग के सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। रामकृष्ण को शनिवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर यह पुरस्कार दिया जाना था। लेकिन मुस्लिम समुदाय के कुछ कार्यकर्ताओं और नेताओं द्वारा कड़ी आपत्ति दर्ज कराए जाने के कारण सरकार ने उन्हें यह पुरस्कार नहीं देने का फैसला किया। बताया जा रहा है कि शिक्षक के खिलाफ रोष की वजह दो साल पहले राज्य में हिजाब विवाद के दौरान उनका कथित रुख है। एक सूत्र ने बताया, ‘सरकार ने पहले उनके नाम की घोषणा की थी, लेकिन अब इसे वापस ले लिया गया है। वहीं, रामकृष्ण टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे।
शिक्षक का अपमान हुआ : उधर, मैंगलोर सिटी नॉर्थ निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा विधायक वाई भरत शेट्टी ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उसने ‘जिहादी तत्वों द्वारा बनाए गए दबाव के आगे झुककर एक शिक्षक का अपमान किया है। शेट्टी ने कहा, ‘कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने रामकृष्ण बी जी से सर्वश्रेष्ठ राज्य स्तरीय शिक्षक का पुरस्कार वापस लेकर बहुत शर्मनाक काम किया है। उन्होंने कहा, ‘पुरस्कार वापस लेने के पीछे मुख्य कारण यह है कि जिहादी तत्वों, एसडीपीआई और पीएफआई जैसे संगठनों ने ट्वीट किया कि इस शिक्षक को यह पुरस्कार नहीं दिया जाना चाहिए। क्योंकि हिजाब मुद्दे के दौरान उन्होंने हिजाब पहनने वाली छात्राओं को कॉलेज में प्रवेश करने से रोक दिया था। विधायक ने कहा कि रामकृष्ण ने सरकारी कर्मचारी होने के नाते केवल तत्कालीन आधिकारिक आदेश का पालन किया था।
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