देश का विरोध कर रहा विपक्षः जेपी नड्डा
- सदन के नेता ने सभापति के खिलाफ विपक्ष की टिप्पणियों पर निंदा प्रस्ताव पेश
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता संसद के बजट सत्र में शुक्रवार को राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा ने सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष की टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हुए निंदा प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा कि मुझे स्पष्ट दिख रहा है कि वे (विपक्ष) राजनीति में धरातल के स्तर से इतने नीचे आ गए हैं कि पार्टी और व्यक्ति का विरोध करते-करते देश का विरोध कर रहे हैं। इस बीच सभापति धनखड़ और विपक्ष के बीच तल्खी साफ दिखी और धनखड़ ने विपक्ष को मर्यादित आचरण के लिए चेताया। वहीं विपक्ष ने सदन से वॉकआउट करते हुए आरोप लगाया कि उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा।
सदन में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को बोलने का मौका देने की मांग से शुरू हुई कड़वाहट शुक्रवार को अलग-अलग वजहों से बढ़ती गई। विपक्षी सदस्य, भाजपा सांसद घनश्याम तिवाड़ी की ओर से खरगे के बारे में की गई एक टिप्पणी को हटाने की मांग कर रहे थे। कांग्रेस के जयराम रमेश इस मामले में बोल चुके थे और प्रमोद तिवारी ने भी इस पर सवाल उठाया। इस बीच सपा सांसद जया बच्चन ने सभापति जगदीप धनखड़ की टिप्पणी के लहजे पर सवाल उठाया।
सभापति ने जया की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्हें स्कूली शिक्षा नहीं चाहिए। वह किसी स्क्रिप्ट के अनुसार नहीं चलते और उनकी अपनी स्क्रिप्ट है। इस पर विपक्ष हंगामा करने लगा। सभापति ने कहा कि मैं जानता हूं कि आप पूरे देश को अस्थिर करना चाहते हैं। आप सदन में अव्यवस्था फैलाना चाहते हैं। सभापति के ऐसा कहने पर विपक्षी सदस्य विरोध जताते हुए सदन से बहिर्गमन कर गए।
नड्डा का आरोप, सदन नहीं चलने देना चाहता विपक्ष
राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा ने सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष की टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हुए निंदा प्रस्ताव पेश किया। नड्डा ने कहा कि देश में विघटनकारी शक्तियों के साथ प्रत्यक्ष और परोक्ष में जब हमें विपक्ष की आवाज दिखती है तो हमें संशय होता है कि राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों का एजेंडा देश को कमजोर करने का बन गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष इस बात के लिए प्रेरित रहता है कि किसी भी कारण से सदन न चले।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में हुए हंगामे और विपक्ष के सांसदों के व्यवहार की निंदा की। कृषि मंत्री ने कहा, मैं अब तक 12 बार विधानसभा व लोकसभा में चुनकर आया हूं लेकिन अपने जीवन में विपक्ष का ऐसा अमर्यादित व अशोभनीय व्यवहार कहीं नहीं देखा। उन्होंने विपक्षी सांसदों पर लोकतंत्र का अपमान करने का आरोप लगाया और विपक्ष से माफी मांगने को कहा।
देवेगौड़ा ने अब तक का सबसे खराब अनुभव बताया
इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष को पूर्व प्रधानमंत्री एचडी दैवेगौड़ा का भी समर्थन मिला। उन्होंने कहा कि वह सात बार एमएलए, पांच बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा के लिए चुने गए हैं। उन्होंने कहा कि अपने इस लंबे संसदीय जीवन के दौरान यह उनका अब तक का सबसे खराब अनुभव रहा है।
केंद्रीय मंत्री जंयत चौधरी ने भी विपक्ष के रवैये पर विरोध जताया। उन्होंने इस बात पर भी अपना विरोध जताया कि वरिष्ठ सदस्य (जया बच्चन) ने सभापति को एक सहकर्मी बताया। उन्होंने कहा कि सभापति जिस पद को संभाल रहे हैं, उसकी एक मर्यादा है। हम सब सदन के बाहर मित्र या सहयोगी हो सकते हैं।
जद (यू) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने विपक्षी सदस्य द्वारा सभापति को सहयोगी कहे जाने को बेहद अपमानजनक बताया और जया बच्चन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
....
सदन के बाहर भी विरोध
राज्यसभा सदस्य जया बच्चन ने संसद परिसर में मीडिया से बातचीत में कहा, वो डांटने वाले कौन होते हैं, मैं यह स्वतंत्रता किसी और को नहीं दे सकती। मेरे साथ अपमानजनक बर्ताव हुआ। वहां लहजा खराब है, कितना हम सहन करें? सत्तापक्ष के लोग कुछ भी बोलते हैं, हमे बोलने नहीं दिया जाता। हमें चैंबर में बुलाया जाता है। हम चैम्बर में क्यों जाएं? वहां फ्लोर पर ही बात होनी चाहिए। जया बच्चन ने कहा कि अब आगे हमारे विपक्ष के नेता जो कहेंगे, हम वही करेंगे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।