Hindi Newsएनसीआर न्यूज़नई दिल्लीJignesh Mevani Accuses IPS Rajkumar Pandiyan of Misconduct During Meeting

गुजरात कांग्रेस के नेताओं का मेवाणी से दुर्व्यवहार के विरोध में प्रदर्शन

जिग्नेश मेवाणी बोले- पांडियन ने 15 अक्तूबर को मुलाकात के समय किया दुर्व्यवहार आईपीएस

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 23 Oct 2024 10:20 PM
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जिग्नेश मेवाणी बोले- पांडियन ने 15 अक्तूबर को मुलाकात के समय किया दुर्व्यवहार आईपीएस राजकुमार पांडियन ने प्रमुख दलित नेता मेवाणी के आरोपों को नकारा

गांधीनगर, एजेंसी। गुजरात कांग्रेस के नेता और दलित समुदाय के सदस्य बुधवार को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कार्यालय के बाहर एकत्र हुए। यहां सभी ने विधायक जिग्नेश मेवाणी के साथ कथित दुर्व्यवहार को लेकर आईपीएस अधिकारी राजकुमार पांडियन को निलंबित करने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। वहीं, राजकुमार पांडियन ने प्रमुख दलित नेता मेवाणी द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों से इनकार किया है।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अनुसूचित जाति-जनजाति प्रकोष्ठ) पांडियन के खिलाफ नारे लगाते हुए मेवाणी, कांग्रेस की गुजरात इकाई के अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल और पार्टी विधायकों सहित अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के नेतृत्व में सैकड़ों लोग गांधीनगर में पुलिस भवन के बाहर एकत्र हुए। गांधीनगर के पुलिस भवन में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और पांडियन का कार्यालय भी है।

मेवाणी ने आरोप लगाया है कि पांडियन ने उनके और गुजरात कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष हितेंद्र पिथाडिया के साथ उस समय दुर्व्यवहार किया जब वे 15 अक्तूबर को उनके कक्ष में उनसे मिलने गए थे। उन्होंने पांडियान से अनुरोध किया था कि राज्य सरकार द्वारा 1980 के दशक में (जब कांग्रेस सत्ता में थी) दलितों को आवंटित भूमि पर अतिक्रमण करने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, खासकर कच्छ जिले में।

वडगाम से कांग्रेस विधायक ने दावा किया, ‘असामाजिक तत्वों ने दलितों की 20 हजार बीघा जमीन हड़प ली है। लेकिन भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी पांडियन में उनकी जमीन को मुक्त कराने और उनके असली मालिकों को वापस दिलाने का साहस नहीं है। जब हम अपील करने गए तो आईपीएस अधिकारी ने हमारा अपमान करके और हमें अपने कक्ष से बाहर जाने को कहकर हमारी आवाज दबाने की कोशिश की।

आईपीएस पांडियन को बर्खास्त करने की मांग उठाई

मेवाणी गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। बाद में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने डीजीपी विकास सहाय से उनके कक्ष में मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपकर पांडियन पर ‘बिल्कुल अस्वीकार्य, अनुचित और निंदनीय व्यवहार का आरोप लगाया। प्रतिनिधिमंडल ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की तत्काल बर्खास्तगी/निलंबन तथा ‘गुजरात और भारत के दलितों से बिना शर्त माफी मांगने” की मांग की। मेवाणी के अनुसार, जब वह पांडियन से मिलने उनके कार्यालय गए तो आईपीएस अधिकारी ने उनका ‘अपमान किया तथा एक जनप्रतिनिधि के स्वागत के लिए आवश्यक प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया। विधायक ने दावा किया कि पुलिस अधिकारी ने उन्हें अपना मोबाइल फोन उनके कक्ष के बाहर छोड़ने के लिए कहा।

मेवाणी को तुरंत बुलाया गया : पांडियान

आईपीएस राजकुमार पांडियन ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को निराधार बताया और कहा कि राज्य पुलिस दलितों और आदिवासियों सहित समाज के कमजोर वर्गों के कल्याण और सुरक्षा को उचित महत्व देती है। आईपीएस अधिकारी ने बताया कि मेवाणी उनसे मिलने उनके कक्ष में आने वाले पहले जनप्रतिनिधि नहीं हैं। पांडियन ने जोर देकर कहा, ‘मेरे कक्ष में मुझसे मिलने आए लोगों में से किसी ने भी कभी यह शिकायत नहीं की कि उनका अपमान किया गया या उन्हें बाहर इंतजार कराया गया। उन्होंने कहा, जब (मेवाणी) 15 अक्तूबर को मुझसे मिलने आए तो मैंने बिना किसी देरी के उन्हें तुरंत अंदर बुला लिया और बाकी लोगों को इंतजार करने दिया। मुद्दे (भूमि अतिक्रमण) पर बात करने के बजाय उन्होंने कक्ष में चीखना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं उन्हें लेने के लिए बाहर क्यों नहीं गया और प्रोटोकॉल का पालन क्यों नहीं किया। आईपीएस अधिकारी ने कहा कि विपक्षी पार्टी के विधायक ने अपना मोबाइल फोन उनके कार्यालय की मेज पर रख दिया और उसका वॉयस रिकॉर्डर भी चालू कर दिया, जिस पर उन्होंने आपत्ति जताते हुए इसे अस्वीकार्य व्यवहार बताया।

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