अपडेट::: डीपी1::::: हेमंत सोरेन 28 को शपथ लेंगे, महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पर मंथन जारी
झारखंड के राज्यपाल ने हेमंत सोरेन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है। सोरेन 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। वहीं, महाराष्ट्र में महायुति के नेताओं ने फडणवीस से मुलाकात की और मुख्यमंत्री...
- झारखंड के राज्यपाल ने सोरेन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया - महाराष्ट्र में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने फडणवीस से मुलाकात की
रांची/मुंबई, एजेंसी। झारखंड और महाराष्ट्र में चुनाव नतीजों के बाद सरकार बनाने की कवायद तेज हो गई है। इसी क्रम में झामुमो नेता हेमंत सोरेन ने रविवार को झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया। वह 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उधर, महाराष्ट्र में महायुति की तरफ से मुख्यमंत्री पद और सरकार गठन को लेकर मंथन का दौर जारी है।
झारखंड में इंडिया गठबंधन के नेताओं ने रांची में सबसे पहले बैठक की और सर्वसम्मति से सोरेन को विधायक दल का नेता चुना। झामुमो के नेताओं ने बताया कि सरकार बनाने का दावा पेश करने से पहले सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। वह गुरुवार को शपथ ग्रहण होने तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करेंगे। सोरेन झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। वह चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
महाराष्ट्र में कयासों का बाजार गर्म
प्रचंड बहुमत के साथ महाराष्ट्र की सत्ता में वापसी करने वाले महायुति के घटक दलों भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के दिग्गज नेता दिन भर सक्रिय नजर आए। वहीं, मुख्यमंत्री पद को लेकर लगातार दूसरे दिन कयासों का बाजार गर्म रहा। सरकार बनाने को लेकर भाजपा के संयुक्त महासचिव शिव प्रकाश और प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुंबई में उनके आवास पर मुलाकात की। दरअसल, चुनाव परिणामों के बाद पार्टी में सभी का ध्यान फडणवीस पर केंद्रित हो गया है। राज्य में भाजपा और महायुति की इस बड़ी जीत में उनका अहम योगदान रहा। भाजपा ने राज्य में 149 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से उसने 132 पर जीत हासिल की। जबकि, गठबंधन को 230 से ज्यादा सीटों पर सफलता मिली है। राजनीतिक गलियारों में अटकलें लगाई जा रही हैं कि राज्य में मुख्यमंत्री बनने वाले दूसरे ब्राह्मण फडणवीस तीसरी बार इस पद पर आसीन होंगे। वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल मंगलवार को समाप्त हो रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री पद के लिए नाम को अंतिम रूप देने के लिए सत्तारूढ़ सहयोगी दलों के नेताओं के बीच बैठकें आवश्यक हो गई हैं।
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शिवसेना में शिंदे को पूरा अधिकार
शिवसेना के नवनिर्वाचित विधानसभा सदस्यों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को राज्य में अगली सरकार के गठन के लिए महायुति सहयोगियों के साथ बातचीत के लिए अधिकृत किया है। उन्हें विधायक दल के नेता, मुख्य सचेतक और अन्य पदाधिकारियों को नियुक्त करने के लिए भी अधिकृत किया गया।
अजित विधानसभा में एनसीपी के नेता
एनसीपी ने पार्टी अध्यक्ष अजित पवार को विधानसभा में पार्टी का नेता चुन लिया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य सुनील तटकरे की अध्यक्षता में हुई बैठक में अजित को विधायक दल का नेता नियुक्त किया गया और उनके सहयोगी अनिल पाटिल को फिर से मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया।
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महायुति के नेता, भाजपा नेतृत्व तय करेगा मुख्यमंत्री
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बावनकुले ने कहा कि महायुति नेता और भाजपा नेतृत्व यह तय करेंगे कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। उन्होंने विधानसभा में विपक्ष के नेता पद के लिए किसी भी पार्टी को पर्याप्त सीटें (29) नहीं मिलने के लिए कांग्रेस के झूठ को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही कहा कि भाजपा राज्य में 1.51 करोड़ नए प्राथमिक सदस्य बनाने का अभियान शुरू करेगी। वहीं, शिवसेना नेता दीपक केसरकर ने भी कहा कि मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर गठबंधन में कोई विवाद नहीं है। अजित पवार और एकनाथ शिंदे अपने-अपने दलों के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। वे अपने-अपने दल का नेता चुनेंगे, जबकि मुख्यमंत्री को लेकर फैसला दिल्ली में होगा।
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