परीक्षा पास करने के लिए कोचिंग लेना गलत तरीका : नारायण मूर्ति
बेंगलुरु में नारायण मूर्ति ने कोचिंग कक्षाओं की आलोचना की। उन्होंने कहा कि परीक्षा पास करने के लिए कोचिंग लेना बच्चों की मदद नहीं करता। मूर्ति का मानना है कि कोचिंग लेने वाले बच्चे पढ़ाई पर ध्यान नहीं...
बेंगलुरु, एजेंसी। इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने कोचिंग कक्षाओं की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि परीक्षा पास करने के लिए कोचिंग लेना बच्चों की मदद करने का गलत तरीका है। उन्होंने तर्क दिया कि कोचिंग लेने वाले बच्चे अक्सर पढ़ाई पर ध्यान नहीं देते हैं।
नारायण मूर्ति ने सोमवार को बेंगलुरु के इंफोसिस साइंस फाउंडेशन में पॉल जी हेविट की ‘कॉन्सेप्चुअल फिजिक्स की पुस्तक का विमोचन किया। इस मौके पर उनसे सवाल किया गया कि क्या आईआईटी और एनआईटी जैसे शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों में दाखिला लेने के लिए कोचिंग संस्थान महत्वपूर्ण हैं। इस पर उन्होंने कहा, ज्यादातर बच्चे जो कोचिंग कक्षाओं में जाते हैं, वे स्कूल में अपने शिक्षकों की बात ध्यान से नहीं सुनते हैं। और वे माता-पिता, जो अपने बच्चों की पढ़ाने-लिखाने में मदद करने में असमर्थ होते हैं, वे कोचिंग संस्थानों को एकमात्र समाधान के रूप में देखते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि रटने की बजाय समझने और सोचने पर जोर दिया जाना चाहिए। वहीं, एक बच्चे के यह पूछे जाने पर कि हम आप जैसे कैसे बनें, उन्होंने कहा कि मैं नहीं चाहता कि तुम मेरे जैसे बनो। मैं चाहता हूं कि देश की भलाई के लिए तुम मुझसे बेहतर बनो।
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