माता-पिता खुद टीवी देखें, बच्चों से पढ़ने को कहें यह ठीक नहीं : नारायण मूर्ति
इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई के लिए घर में अनुशासन जरूरी है। उन्होंने माता-पिता को सलाह दी कि वे खुद टीवी देखकर बच्चों को पढ़ाई करने के लिए नहीं कहें। मूर्ति ने...
बेंगलुरु, एजेंसी। इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई के लिए घर में अनुशासन का माहौल जरूरी है। उन्होंने कहा कि माता-पिता खुद टीवी देखें और बच्चों से पढ़ने को कहें यह ठीक नहीं है।
नारायण मूर्ति ने सोमवार को बेंगलुरु के इंफोसिस साइंस फाउंडेशन में पॉल जी हेविट की ‘कॉन्सेप्चुअल फिजिक्स की पुस्तक का विमोचन किया। इस दौरान उनसे पूछा गया कि सोशल मीडिया के दौर में बच्चे पढ़ाई पर किस तरह ध्यान दें। इस पर उन्होंने अपने परिवार का उदाहरण दिया और कहा कि जब मेरे बच्चे छोटे थे तो मेरी पत्नी सुधा मूर्ति ने कुछ नियम बनाए थे। हम रोजाना बच्चों को पढ़ाने के लिए तीन घंटे का समय निकालते थे। उन्होंने कहा, मेरी पत्नी का तर्क था कि अगर मैं टीवी देख रही हूं, तो मैं बच्चों को पढ़ाई करने के लिए नहीं कह सकती।
नारायण मूर्ति ने इस दौरान कोचिंग कक्षाओं की आलोचना भी की है। उन्होंने कहा कि परीक्षा पास करने के लिए कोचिंग लेना बच्चों की मदद करने का गलत तरीका है। उनसे सवाल किया गया कि क्या आईआईटी और एनआईटी जैसे शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों में दाखिला लेने के लिए कोचिंग संस्थान महत्वपूर्ण हैं। इस पर उन्होंने कहा, ज्यादातर बच्चे जो कोचिंग कक्षाओं में जाते हैं, वे स्कूल में अपने शिक्षकों की बात ध्यान से नहीं सुनते हैं। और वे माता-पिता, जो अपने बच्चों को पढ़ाने-लिखाने में मदद करने में असमर्थ होते हैं, वे कोचिंग संस्थानों को एकमात्र समाधान के रूप में देखते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि रटने की बजाय समझने और सोचने पर जोर दिया जाना चाहिए। एक बच्चे के यह पूछे जाने पर कि हम आप जैसे कैसे बनें, उन्होंने कहा कि मैं नहीं चाहता कि तुम मेरे जैसे बनो। मैं चाहता हूं कि देश की भलाई के लिए तुम मुझसे बेहतर बनो।
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