Hindi Newsएनसीआर न्यूज़नई दिल्लीIndian Stock Market Crashes Sensex Drops Below 78 000 Amid High Inflation and FII Selling

भारी बिकवाली से तीन दिन में 20 लाख करोड़ डूबे

शोल्डर --- भारी गिरावट से सेंसेक्स चार महीने के निचले स्तर पर पहुंचा

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 13 Nov 2024 07:55 PM
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नई दिल्ली, एजेंसी। खुदरा महंगाई में तेज उछाल और विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली से घरेलू शेयर बाजार बुधवार को लगातार पांचवें दिन बुरी तरह टूट गए। सेंसेक्स 984 अंक का गोता लगाकर चार महीने के निचले स्तर पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी भी 300 अंक से ज्यादा लुढ़क गया। बाजार में जारी इस भारी गिरावट से निवेशकों को बीते तीन कारोबारी सत्रों में करीब 20 लाख करोड़ का नुकसान हो चुका है। चार माह बाद सेंसेक्स 78 हजार से नीचे

सेंसेक्स 984.23 अंक यानी 1.25 प्रतिशत का गोता लगाकर साढ़े चार महीने बाद 78 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के नीचे 77,690.95 अंक पर आ गया। इससे पहले 24 जून को यह 77,341.08 अंक पर रहा था। बीते पांच कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स 2600 अंक से अधिक टूटा है। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 324.40 अंक यानी 1.36 अंक की बड़ी गिरावट के साथ 23,559.05 अंक पर रह गया। यह भी पांच कारोबारी सत्रों में 900 अंक से नीचे उतर चुका है। निफ्टी 27 सितंबर के शिखर से अब तक 10% तक टूट चुका है।

विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की तेज बिकवाली का दौर 27 सितंबर से लगातार जारी है। मंगलवार के कारोबारी सत्र में उन्होंने 3,024.31 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। नवंबर में वे 25 हजार करोड़ से अधिक बिकवाली कर चुके हैं। वहीं 27 सितंबर से लेकर अब तक 1.25 लाख करोड़ से अधिक की बिकवाली कर चुके हैं।

महंगाई के आंकड़ों का दिखा असर

खुदरा महंगाई के आंकड़े मंगलवार को जारी हुए थे। यह मुद्रास्फीति अक्टूबर में बढ़कर 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.21 प्रतिशत पर पहुंच गई और इसने रिजर्व बैंक के ऊपरी सहनशीलता दायरे (छह प्रतिशत) को भी पार कर लिया है। इससे भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निकट भविष्य में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें धूमिल हुई हैं। इससे भी बाजार में बिकवाली का भारी दबाव बना।

निवेशकों को तगड़ा झटका

सेंसेक्स में लगातार गिरावट से निवेशकों की पूंजी दो दिन में 13 लाख करोड़ रुपये घटी है। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण दो दिन में 13,07,898.47 करोड़ रुपये घटकर 4,29,46,189.52 करोड़ रुपये रह गया। बुधवार को पूंजी करीब आठ लाख करोड़ रुपये घट गई। वहीं, मंगलवार को करीब पांच लाख करोड़ का नुकसान हुआ था। तीन कारोबारी सत्रों में निवेशकों को 20 लाख करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है।

शेयर बाजार गिरावट के प्रमुख कारण

1. एशियाई शेयरों में भारी गिरावट

2. विदेशी निवेशक लगातार निकाल रहे पैसा

3. तेल की कीमतों में उछाल

4. रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर

5. खुदरा महंगाई 14 माह के शीर्ष पर

6. रेपो दर में जल्द कटौती की उम्मीद घटी

खुदरा महंगाई बढ़ने से शेयर बाजार में हाहकार

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मुंबई 13 नवंबर (वार्ता) देश में अक्टूबर की खुदरा महंगाई के चौदह महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचने से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ब्याज दर में कटौती करने की उम्मीदें धूमिल होने के साथ ही कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजे से हतोत्साहित निवेशकों की चौतरफा भारी बिकवाली से आज शेयर बाजार में हाहाकर मच गया।

चार माह बाद सेंसेक्स 78 हजार से नीचे

सेंसेक्स 984.23 अंक यानी 1.25 प्रतिशत का गोता लगाकर साढ़े चार महीने बाद 78 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के नीचे 77,690.95 अंक पर आ गया। इससे पहले 24 जून को यह 77,341.08 अंक पर रहा था। साथ ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 324.40 अंक यानी 1.36 अंक की बड़ी गिरावट के साथ 23,559.05 अंक पर रह गया।

दग्गिज कंपनियों की तरह बीएसई की मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में भी जमकर बिकवाली हुई। इससे मिडकैप 2.56 प्रतिशत लुढ़ककर 44,107.98 अंक और स्मॉलकैप 3.08 प्रतिशत कमजोर होकर 51,952.79 अंक पर बंद हुआ। इस दौरान बीएसई में कुल 4067 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ, जिनमें से 3299 में गिरावट जबकि 670 में तेजी रही वहीं 98 में कोई बदलाव नहीं हुआ। इसी तरह 44 कंपनियों में बिकवाली जबकि अन्य छह में लिवाली हुई।

वश्लिेषकों के अनुसार, मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं कीमतों में तेजी के चलते देश में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई इस साल अक्टूबर में 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.21 प्रतिशत पर पहुंच गई। इस साल सितंबर में खुदरा महंगाई दर 5.49 प्रतिशत जबकि अक्टूबर 2023 में यह 4.87 प्रतिशत रही थी। खुदरा महंगाई के बढ़ने से आरबीआई के दिसंबर में होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में ब्याज दर में कटौती किए जाने की संभावना धूमिल हो गई है। इससे निवेश धारणा कमजोर हुई और दोनों मानक सूचकांक सेंसेक्स और नफ्टिी को भारी बिकवाली का सामना करना पड़ा।

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