सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा के लिए करना होगा एक समान नियमों का पालन: सिंधिया
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि भारत में एलन मस्क की स्टारलिंक कंपनी को इंटरनेट सेवा शुरू करने के लिए लाइसेंस दिया जाएगा, लेकिन सभी सुरक्षा और नियमों का पालन करना होगा। उन्होंने...
- केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि हम किसी भी कंपनी को लाइसेंस देने को तैयार लेकिन सुरक्षा और अन्य नियमों का करना होगा पालन नई दिल्ली। विशेष संवाददाता
सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा उपलब्ध कराने वाली एलन मस्क की स्टारलिंक कंपनी जल्द ही भारत में इंटरनेटसेवा शुरू कर सकती है। केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कहा कि हम किसी भी कंपनी को लाइसेंस देने के लिए तैयार हैं। स्टारलिंक हो या कोई अन्य कंपनी, हम सभी का स्वागत करते हैं लेकिन सभी को सुरक्षा और अन्य नियमों को मानना होगा, जो सभी कंपनियों के लिए एक समान हैं। उन्होंने कहा कि लाइसेंस देना एक विशिष्ट प्रक्रिया है, जिसके सभी नियमों का हर कंपनी को पालन करना होगा अगर आप सरकार द्वारा निर्धारित सभी नियम-कानूनों और मापदंडों का पालन करते हैं तो आपको लाइसेंस मिल जाएगा।
मंत्री ने कहा कि भारत में किसी भी विदेशी कंपनी को सेवा शुरू करने के लिए कुछ खास नियम हैं और स्टारलिंक को भी इन नियमों को पूरा करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत में दूरसंचार क्षेत्र में तेजी से काम हुआ है और भविष्य में भी कंपनियों के लिए बड़ी संभावनाए हैं। इसलिए सैटेलाइट आधार इंटरनेट सेवा शुरू करने के लिए कंपनियां आगे आ रही है। अब कंपनियां साइबर सुरक्षा जैसे मापदंडों का पालन करने पर सहमत हैं तो अपनी सेवाएं शुरू कर सकती है। उन्होंने दूरसंचार क्षेत्र में हो रहे कार्यों को गिनाते हुए कहा कि भारत में 120 करोड़ से अधिक टेलीकॉम ग्राहक है। भारत ने 5जी सबसे पहले तेज गति के साथ रोल आउट किया है। इसके साथ ही, अब भारत 6जी को लेकर भी काम कर रहा है। 6जी मानक निर्माण प्रक्रिया में भारत अग्रणी बनने की दिशा में अग्रसर है और 6जी पेटेंट में 10 फीसदी हिस्सा लेने का लक्ष्य है। स्वदेशी 6जी तकनीक पर भी तेजी से काम हो रहा है। कॉल ड्रॉप के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि नेटवर्क उपलब्धता, कॉल ड्रॉप दर जैसे प्रमुख मापदंडों की निगरानी की जा रही है।
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स्पैम कॉल रोकने और साइबर सुरक्षा को लेकर सजग
दूरसंचार मंत्री ने कहा कि हम लोग साइबर सुरक्षा की दिशा में भी पुख्ता तरीके से काम कर रहे हैं। डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट (डीआईयू) की स्थापना की गई है, जिसमें दूरसंचार दुरुपयोग, ऑनबोर्डिंग पर वास्तविक समय की जानकारी साझा करने के लिए 750 उपयोगकर्ता शामिल हैं, जिसमें पुलिस, बैंक और नियामक निकाय शामिल हैं। इसके साथ ही,भारतीय नंबरों पर आने वाली स्पैम कॉल को ब्लॉक किया जा रहा है। इसके एक तंत्र विकसित किया गया है, जिसके माध्यम से दैनिक 13.5 मिलिनियन कॉल को ब्लॉक किया गया। नागरिकों के लिए संचार साथी लॉन्च किया, जो नागरिकों को संदिग्ध कॉल और संदेशों की रिपोर्ट करने में सक्षम बनाता है। संचार साथी की मदद से 2.5 करोड़ से अधिक फर्जी मोबाइल कनेक्शन काटे गए। साइबर अपराध एवं वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल होने के कारण 2.29 लाख मोबाइल हैंडसेट ब्लॉक किए गए हैं।
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डाक विभाग का राजस्व बढ़ाने को तलाशे जाएंगे नए विकल्प
मंत्री ने कहा डाक विभाग को लेकर कहा कि वित्त वर्ष 28-29 तक भारतीय डाक को लाभ केंद्र बनाएंगे। इसके लिए राजस्व के नए विकल्प तलाशे जाएंगे। अमेजॉन इंडिया और डाक विभाग के बीच समझौता हुआ है, जिससे अमेजॉन डाक विभाग के बड़े नेटवर्क का लाभ उठाकर अधिक ग्राहकों तक पहुंच सकेगा। इस सहयोग की प्रगति की निगरानी के लिए हर तीन महीने में समीक्षा।
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दूरसंचार विभाग द्वारा अभी तक की गई कार्रवाई
- 71 हजार विक्रेताओं को ब्लैकलिस्ट किया गया और 1900 अपराधियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।
- 12.59 लाख की चोरी और खोए हुए मोबाइल ट्रेस किए गए।
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