बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद निवेशकों का बंपर निवेश
पिछले महीने विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली की, लेकिन घरेलू निवेशकों का विश्वास बना रहा। दिसंबर में म्यूचुअल फंड इक्विटी योजनाओं में 14% का निवेश बढ़कर 41,156 करोड़ रुपये हो गया।...
मुंबई, एजेंसी। पिछले महीने बेशक विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार में जमकर बिकवाली की हो लेकिन इसके बावजूद घरेलू निवेशकों का भरोसा भारतीय शेयर बाजार पर बना हुआ है और वे लंबी अवधि के लिए बाजार में निवेश से नहीं झिझक रहे। स्थानीय शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के बावजूद म्यूचुअल फंड की इक्विटी योजनाओं में दिसंबर माह में निवेश 14 प्रतिशत बढ़कर 41,156 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) ने कहा कि म्यूचुअल फंड की स्मॉल और मिड कैप (छोटी और मध्यम आकार की कंपनियों में निवेश करने वाले) की पूंजी योजनाओं में जोखिम को लेकर चिंता जताए जाने के बावजूद निवेशकों की दिलचस्पी बनी रही और दिसंबर महीने के दौरान निवेश रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया।
दिसंबर के अंत तक म्यूचुअल फंड कंपनियों के प्रबंधन के तहत कुल परिसंपत्तियां (एयूएम) 66.93 लाख करोड़ रुपये थीं, जो एक महीने पहले की समान अवधि के 68.08 लाख करोड़ रुपये से कुछ कम है। एम्फी के सीईओ वेंकट चलसानी ने कहा कि इस गिरावट का कारण बाजार में 'करेक्शन' के साथ ऋण या बॉन्ड योजनाओं से 1.27 लाख करोड़ रुपये की निकासी है।
एसआईपी पहली बार 26 हजार करोड़ के पार
दिसंबर महीने में एसआईपी ने नया कीर्तिमान रच दिया। बीते महीने कुल 26,459 करोड़ रुपए की एसआईपी की गई। नवंबर में यह आंकड़ा 25,320 करोड़, अक्तूबर में 25,323 करोड़ और सितंबर महीने में 24,509 करोड़ रुपए था। फोलियो की कुल संख्या 22.50 करोड़ रही। दिसंबर में एसआईपी का निवेश नवंबर महीने के मुकाबले 1139 करोड़ रुपये ज्यादा रहा।
महीने के दौरान कुल 33 नए फंड ऑफर लॉन्च
म्यूचुअल फंड कंपनियों ने दिसंबर के दौरान कुल 33 नए फंड ऑफर लॉन्च किए, जिसके जरिए 13,643 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि जुटाई गई। यह नवंबर में जारी 18 नई योजनाओं से लगभग दोगुना है। इनमें 4,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई गई थी। इक्विटी योजनाओं के भीतर, सेक्टोरल या थीमैटिक कैटेगरी ने 15,331 करोड़ रुपये के उच्चतम निवेश के साथ निवेशकों को आकर्षित किया, जो नवंबर में 7,658 करोड़ रुपये से लगभग दोगुना है।
गोल्ड ईटीएफ लगातार सातवें माह सुस्त
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में लगातार सातवें महीने निवेश में सुस्ती देखी गई और यह 640 करोड़ रुपये रहा। वहीं, मिडकैप श्रेणी में दिसंबर 2024 में 5,093 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड प्रवाह देखा गया, जबकि स्मॉलकैप में 4,667 करोड़ रुपये का प्रवाह देखा गया। एम्फी के आंकड़ों के मुताबिक, बड़ी योजनाओं में निवेश दिसंबर में घटकर 2,010 करोड़ रुपये रह गया, जो नवंबर में 2,500 करोड़ रुपये था, जबकि लार्ज और मिडकैप श्रेणी में 3,811 करोड़ रुपये का निवेश हुआ।
सभी 11 श्रेणियों में निवेश आया
इक्विटी फंड की 11 श्रेणियों में निवेश हुआ। इक्विटी फंड का मतलब है, जहां निवेशकों का पैसा शेयरों में लगाया जाता है। 2024 में म्यूचुअल फंड की कुल परिसंपत्ति 27 फीसदी बढ़कर 66.66 लाख करोड़ रुपये हो गई। जनवरी से दिसंबर में इक्विटी फंड्स में कुल 3.94 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। इसमें सेक्टोरल और थीमेटिक फंड्स ने 1.55 लाख करोड़ रुपये का योगदान दिया। फ्लेक्सी-कैप फंड्स ने 40,961 करोड़ रुपये का निवेश खींचा। हालांकि, फोकस्ड फंड्स से 990 करोड़ की निकासी देखने को मिली।
डेट फंड से निकासी देखने को मिली
निवेशकों ने डेट फंड से भारी निवेश निकाला है। मतलब कि उन्होंने बेहतर मुनाफे के लिए अन्य जगहों पर निवेश किया है। छोटे निवेशक, जो लंबी अवधि के लिए निवेश करने वाले छोटे निवेशकों का पैसा बाजार में निरंतर आ रहा है। कम अवधि के लिए पैसा निवेश करने के लिए डेट फंड को चुना जाता है। बड़ी रकम आमतौर पर डेट फंड में ही रखी जाती है, क्योंकि इसमें बेशक रिटर्न कम मिले, मगर मिलता जरूर है। पैसा कम होने के आसार बहुत कम होते हैं।
अभी कई अनिश्चितताएं मौजूद
जानकारों के मुताबिक फिलहाल कई ऐसी अनिश्चितताएं हैं जो बाजार को प्रभावित कर सकती हैं। जनवरी में डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के साथ वहां के प्रशासन में बदलाव को लेकर भी लोगों के मन में कई शंकाएं हैं। हालांकि, आंकड़ों के मुताबिक भारतीय निवेशकों का शेयर बाजार में भरोसा बना हुआ है। एसआईपी में निरंतर निवेश दीर्घावधि में भारतीय बाजारों में निवेशकों के भरोसे को दर्शाता है।
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