एआई के इस्तेमाल से यातायात उल्लंघन की जांच का प्रस्तावः नितिन गडकरी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यातायात उल्लंघन की जांच और जुर्माना सुनिश्चित करने के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) के उपयोग का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए उन्नत तकनीकों का समावेश...
नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि सरकार यातायात उल्लंघन की जांच करने और सही जुर्माना सुनिश्चित करने के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) और अन्य नए तरीकों के उपयोग का प्रस्ताव कर रही है। उन्होंने कहा कि उन्नत इंजीनियरिंग समाधान, कानूनों के प्रवर्तन और एआई जैसी अत्याधुनिक तकनीकों को एकीकृत किए बिना सड़क सुरक्षा हासिल नहीं की जा सकती। केंद्रीय मंत्री ने ‘ट्रैफिक इन्फ्राटेक एक्सपो के 12वें संस्करण को संबोधित करते हुए टोल संग्रह विधियों को उन्नत करने की योजनाओं की रूपरेखा पेश की। इसमें सैटेलाइट टोल प्रणाली भी शामिल है, जिससे टोल संग्रह की दक्षता में सुधार होगा और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए मंत्रालय के दृष्टिकोण पर उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रौद्योगिकी समाधान विकसित करने में सहयोग करने के लिए निजी क्षेत्र से विशेषज्ञों को नियुक्त करने का निर्णय लिया है।
विशेषज्ञ समिति प्रस्तावों का मूल्यांकन करेगीः
गडकरी ने कहा कि एक समर्पित विशेषज्ञ समिति स्टार्टअप और उद्योग जगत के अगुवाओं के प्रस्तावों का मूल्यांकन करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि सर्वोत्तम विचारों को क्रियान्वित किया जाए। समिति को तीन महीने के भीतर अपने मूल्यांकन को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया गया है, जिसका उद्देश्य इस क्षेत्र में तेजी से सुधार लाना है।
गुणवत्ता और मानकों से नहीं होगा समझौताः
केंद्रीय मंत्री ने उच्च गुणवत्ता मानकों, खासकर कैमरों जैसी निगरानी तकनीक के इस्तेमाल को बनाए रखने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि गुणवत्ता और मानकों से समझौता नहीं होगा, चाहे समाधान बड़ी या छोटी कंपनियों से आए।
छोटी कंपनियां आगे आएंः
मंत्री ने नवीन प्रौद्योगिकियों वाली छोटी कंपनियों को सरकारी निविदाओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि सर्वोत्तम प्रौद्योगिकियों के साथ भारत पारदर्शिता प्राप्त कर सकता है, लागत कम कर सकता है और सड़क सुरक्षा को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा सकता है।
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देश में हर साल करीब पांच लाख हादसे
गडकरी ने कहा कि देश में हर साल लगभग पांच लाख दुर्घटनाएं होती हैं, जिससे बड़ी संख्या में जनहानि होती है। इनमें से आधे से अधिक दुर्घटनाएं 18-36 वर्ष की आयु वर्ग में होती हैं। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली आर्थिक क्षति देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग तीन प्रतिशत है।
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