Hindi Newsएनसीआर न्यूज़नई दिल्लीIndian Government Cracks Down on Unauthorized Use of PAN Details by Fintech Companies

पैन के गलत इस्तेमाल करने वालों पर कार्रवाई होगी

सरकार ने वित्तीय कंपनियों द्वारा पैन कार्ड के अनधिकृत उपयोग पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट, 2023 के तहत कंपनियों को नागरिकों की जानकारी के लिए उचित सहमति...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 8 Nov 2024 06:02 PM
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नई दिल्ली, एजेंसी। ज्यादातर वित्तीय कंपनियां अपने ग्राहकों के निजी विवरण अपने पास संभाल कर रखती हैं। इसमें आधार और पैन कार्ड जैसे विवरण भी शामिल हैं। वैसे तो ये कंपनियां दावा करती हैं कि इनका गलत इस्तेमाल नहीं किया जाता, लेकिन कई बार इन विवरणों का गलत इस्तेमाल देखने में आया है। अब सरकार ने इस माले में ऐसा करने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है। सरकार ने पैन विवरण के अनधिकृत उपयोग पर लगाम लगाने के लिए योजना बनाई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर ने फिनटेक कंपनियों और दूसरी ऑनलाइन टेक्नोलॉजी फर्मों के लिए इस संबंध में सख्त निर्देश जारी किए हैं। इन नए निर्देशों के मुताबिक ये सभी कंपनियां भारतीय नागरिकों के परमानेंट अकाउंट नंबर विवरणों का अनधिकृत तरीके से इस्तेमाल नहीं कर सकतीं।

सरकार ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट, 2023 लागू किया है और गड़बड़ी करने वाली फिनटेक कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की है। अधिनियम के तहत, कारोबार करने वाली कंपनियों को नागरिकों की जानकारी प्रोसेस करते समय उनकी उचित सहमति लेनी चाहिए और अधिकृत चैनलों का उपयोग करना चाहिए। अब ये कंपनियां सीधे आयकर विभाग से इस जानकारी को एक्सेस नहीं कर सकेंगी।

क्या करती है कंपनियां?

इस अनधिकृत विवरणों का इस्तेमाल अलग-अलग वित्तीय कंपनियों द्वारा किया जाता है, जिसमें लेन-देन वाले प्लेटफॉर्म, लोन सोर्सिंग चैनल, डायरेक्ट सेल्स एजेंट और क्रेडिट एग्रीगेटर शामिल हैं। एक फिनटेक फर्म के शीर्ष कार्यकारी के मुताबिक इसे पैन एनरिचमेंट सर्विस के रूप में जाना जाता था। यह लोन बांटने वाली कंपनियों को कर्ज और अन्य वित्तीय उत्पादों की बिक्री सेल के लिए अपने ग्राहकों के पैन नंबर के आधार पर उनकी प्रोफाइल बनाने में मदद करती हैं।

पैन कार्ड के गलत इस्तेमाल पर कार्रवाई

मिली जानकारी के मुताबिक कई कंपनियों ने आयकर विभाग के बैकएंड सिस्टम से अपने पैन नंबर का उपयोग करके ग्राहकों की निजी जानकारी, जैसे उनका पूरा नाम, पता, फोन नंबर जैसे विवरण हासिल किए हैं। साथ ही ग्राहक के क्रेडिट स्कोर के साथ पैन नंबर का कनेक्शन इसका महत्व बढ़ा देता है। हालांकि यह कोई डाटा की चोरी नहीं है, लेकिन यह आयकर विभाग के बैकएंड इंफ्रास्ट्रक्चर तक अनधिकृत पहुंच की ओर इशारा करता है।

आधार पर फैसले के बाद सख्ती हुई

सुप्रीम कोर्ट द्वारा आधार पर दिए गए निर्णय के बाद, सरकार ने किसी भी सरकारी डेटाबेस तक अवैध पहुंच पर सख्ती से प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह प्रतिबंध भले ही संचालन में कुछ चुनौतियां उत्पन्न कर सकते हैं, लेकिन ये कदम आगामी डेटा सुरक्षा नियमों के साथ सामंजस्य लाने में मदद करेगा।

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