बिहार में 256 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का दोहरीकरण होगा
केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और बिहार में दो रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इनमें 256 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का दोहरीकरण शामिल है। इन परियोजनाओं की लागत ₹6,798 करोड़ होगी, जिससे क्षेत्र का...
- आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और बिहार से जुड़ी दो रेल परियोजनाओं पर सरकार ने लगाई मुहर - नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर खंड शामिल
6,798 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है तीनों परियोजनाओं पर
नई दिल्ली, एजेंसी। बिहार में 256 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का दोहरीकरण होगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और बिहार से जुड़ी दो रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी। इस पर कुल 6,798 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने बिहार में नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर खंड के 256 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के दोहरीकरण पर मुहर लगाई। वहीं, अमरावती होते एर्रुपलेम और नाम्बुरु के बीच 57 किलोमीटर की नई लाइन के निर्माण को मंजूरी दी। इन दोनों परियोजनाओं से मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश और बिहार को लाभ होगा। मालूम हो कि दोनों राज्यों में एनडीए की सरकार है।
आधिकारिक बयान में कहा गया है, नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर खंड के दोहरीकरण से नेपाल, पूर्वोत्तर भारत और सीमावर्ती क्षेत्रों से संपर्क सुविधा मजबूत होगी। मालगाड़ी के साथ-साथ यात्री ट्रेनों की आवाजाही बेहतर होगी। इसके परिणामस्वरूप क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास होगा। इसमें कहा गया, नई रेल लाइन परियोजना एर्रुपलेम-अमरावती-नाम्बुरु आंध्र प्रदेश के एनटीआर विजयवाड़ा और गुंटूर जिलों और तेलंगाना के खम्मम जिले से होकर गुजरेगी।
313 किमी रेलवे नेटवर्क में होगी वृद्धि
सरकार के अनुसार, तीन राज्यों आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और बिहार के आठ जिलों से गुजरने वाली वाली ये दोनों परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 313 किलोमीटर की बढ़ोतरी करेंगी। बयान में कहा गया है कि नई लाइन परियोजना से नौ नए स्टेशनों के साथ लगभग 168 गांवों और लगभग 12 लाख आबादी के लिए संपर्क की सुविधा मिलेगी।
सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर तक संपर्क सुविधा बेहतर होगी
इसके अलावा, मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से दो आकांक्षी जिलों (सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर) तक संपर्क सुविधा बेहतर होगी। इससे लगभग 388 गांवों और करीब नौ लाख आबादी को लाभ होगा। सरकार के अनुसार, ये कृषि उत्पाद, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात और सीमेंट जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक मार्ग हैं। माल ढुलाई परिचालन पर प्रभाव के बारे में इसमें कहा गया है कि क्षमता वृद्धि कार्यों से 3.1 करोड़ टन सालाना अतिरिक्त माल की ढुलाई हो सकेगी।
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