चार नॉमिनी के प्रस्ताव वाला बिल लोकसभा में पेश
शोल्डर ---- वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा : नए संशोधनों से बैंकिग क्षेत्र मजूबत होगा
नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 को पेश किया। इसमें बैंक खाताधारक को अपने खाते में अधिकतम चार नॉमिनी जोड़ने की अनुमति देने का प्रस्ताव है। वित्त मंत्री ने कहा कि विधेयक में किए गए संशोधन बैंकिंग क्षेत्र में संचालन प्रणाली को मजबूत बनाने के साथ ग्राहकों और निवेशकों के हितों को सुरक्षित करने वाले होंगे। सीतारमण ने लोकसभा में इस विधेयक को चर्चा एवं पारित करने के लिए पेश करते हुए कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934; बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949; भारतीय स्टेट बैंक, 1955 और बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण), 1980 में कुल 19 संशोधन प्रस्तावित हैं। विधेयक में वैधानिक लेखा परीक्षकों को भुगतान किया जाने वाला पारिश्रमिक तय करने में बैंकों को अधिक स्वतंत्रता देने का प्रावधान भी है।
बजट में घोषणा की थी
इस विधेयक की घोषणा वित्त मंत्री ने अपने 2023-24 के बजट भाषण में की थी। बैंकिंग क्षेत्र में काम करने वाली सहकारी समितियों के संबंध में, सीतारमण ने कहा कि बैंकिंग विनियमन अधिनियम में संशोधन केवल सहकारी बैंकों या सहकारी समितियों के उस हिस्से पर लागू होगा जो बैंकों के रूप में काम कर रहे हैं। विधेयक में सहकारी बैंकों में निदेशकों (अध्यक्ष और पूर्णकालिक निदेशक को छोड़कर) के कार्यकाल को 8 वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष करने का प्रस्ताव है, ताकि इसे संविधान (97वां संशोधन) अधिनियम, 2011 के अनुरूप बनाया जा सके।
विधेयक की खास बातें
1. बैंक खातों के लिए नॉमिनी की सीमा बढ़ेगी
इस विधेयक में प्रति बैंक खाते के लिए नॉमिनी की संख्या को मौजूदा एक से बढ़ाकर चार करने का प्रस्ताव है। जानकारों का मानना है कि इससे जमाकर्ताओं, बैंक लॉकर धारकों और उनके नॉमिनी को फायदा होगा।
2. बिना दावे वाली राशि का निपटारा
यह संशोधन बिना दावे वाले डिविडेंड, शेयर और बांड के ब्याज या रिडेम्पशन आय को निवेशक एजूकेशन और संरक्षण कोष में स्थानांतरित करने की सुविधा प्रदान करेगा। इससे लोगों को अपने ट्रांसफर और रिफंड को फंड से क्लेम करने की सुविधा मिलेगी और निवेशकों के हित सुरक्षित होंगे।
3. पर्याप्त ब्याज को परिभाषित किया जाएगा
व्यक्तियों के लिए पर्याप्त ब्याज की परिभाषा को संशोधित किया जाएगा, जिसकी सीमा पांच लाख रुपये (1968 में निर्धारित) से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये किया जाएगा।
4. बैंकों का रिपोर्टिंग समय बदलेगा
विधेयक में बैंकों द्वारा आरबीआई को वैधानिक प्रस्तुतियों के लिए रिपोर्टिंग तिथि में बदलाव का प्रस्ताव है। रिपोर्ट अब पखवाड़े, महीने या तिमाही के आखिरी दिन जमा करनी होगी, जो कि मौजूदा शुक्रवार की समयसीमा को बदल देगा।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।