‘पायर ने टालिन ब्लैक नाइट फिल्म फेस्टिवल में पुरस्कार जीता
- उत्तराखंड की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म को ‘ऑडियंस अवॉर्ड मिला नई दिल्ली, एजेंसी।
नई दिल्ली, एजेंसी। एस्तोनिया की राजधानी टालिन में चल रहे ब्लैक नाइट्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भारतीय हिंदी फिल्म ‘पायर की धूम रही। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक विनोद कापड़ी की इस फिल्म ने ‘ऑडियंस अवॉर्ड अपने नाम किया।
उत्तराखंड की पृष्ठभूमि पर बनी यह फिल्म हर साल आयोजित होने वाले इस प्रतिष्ठित फिल्म समारोह में शामिल होने वाली एकमात्र भारतीय फिल्म रही। समारोह के आयोजकों के अनुसार, पायर को दर्शकों ने अपनी पसंदीदा फिल्म के रूप में चुना।
बुजुर्ग दंपति के संघर्ष की सच्ची कहानी
पायर पहाड़ों से युवा पीढ़ी के पलायन और एक बुजुर्ग दंपति के संघर्ष की कहानी कहती है। फिल्म बुजुर्ग जोड़े की सच्ची कहानी से प्रेरित है, जिनसे कापड़ी की मुलाकात वर्ष 2017 में उत्तराखंड के मुनस्यारी में हुई थी। इस जोड़ी ने उन पर गहरा प्रभाव छोड़ा, जिससे उन्हें ‘पायर बनाने के लिए प्रेरित किया।
स्थानीय लोगों को किया कास्ट
2018 में फिल्म की पटकथा लिखने वाले कापड़ी ने गांव की वास्तविकता को दर्शाने के लिए स्थानीय कलाकारों को कास्ट करने का निर्णय लिया। इसके लिए उन्होंने सेवानिवृत्त सेना के जवान पदम सिंह और महिला किसान हीरा देवी को चुना। हीरा देवी की खोज तब हुई जब वह जंगल से चारा लाते हुए दिखीं। उनके स्वाभाविक अभिनय कौशल और गायकी के शौक ने कापड़ी को उन्हें इस भूमिका के लिए उपयुक्त पाया। दोनों ने फिल्म में कभी भी काम नहीं किया था।
कोट::
पुरस्कार जीतना किसी सपने से कम नहीं है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं दो बुजुर्गों के साथ फिल्म बनाऊंगा और यह फिल्म पुरस्कार जीतेगी। यह हम सभी के लिए खुशी का क्षण है। यह भारतीय सिनेमा के लिए एक बड़ा दिन है। - विनोद कापड़ी, निर्देशक
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