खेल : सिडनी में भी पर्थ की कहानी
शोल्डर : अंतिम टेस्ट में भी सिर्फ एक भारतीय खिलाड़ी पंत 40 के स्कोर तक पहुंचा, बोलैंड ने चार विकेट चटकाए
शोल्डर : अंतिम टेस्ट में भी सिर्फ एक भारतीय खिलाड़ी पंत 40 के स्कोर तक पहुंचा, उनके बाद 26 रन अतिरिक्त के रहे, मेहमान टीम 185 पर सिमटी, बोलैंड ने झटके चार विकेट सिडनी, एजेंसी। साल और मैच का स्थान बदला पर टीम इंडिया की कहानी नहीं। पर्थ में पहले टेस्ट में भारतीय टीम ने बुमराह की कप्तानी में बॉर्डर-गावस्कर सीरीज की जैसी शुरुआत की थी वैसी ही सिडनी में पांचवें और अंतिम मुकाबले में रही। पहले टेस्ट की पहली पारी में भी सिर्फ नितिश 40 के आंकड़े तक पहुंचे तो सिडनी में ऋषभ पंत इस स्कोर तक पहुंचे। तब नितिश ने टीम को पहली पारी में 150 तक पहुंचाया था तो इस बार पंत उसे 185 तक ले गए। पंत के बाद 26 सर्वाधिक रन अतिरिक्त और जडेजा के रहे। स्कॉट बोलैंड (31/4) की अगुआई में ऑस्ट्रेलियाई पेसरों ने भारतीय बल्लेबाजों को 72.2 में ढेर कर दिया।
हालांकि भारतीय बल्लेबाजी का हाल 2024 जैसा ही रहा। रन बनाने के लिए जूझ रहे कप्तान रोहित शर्मा को भले ही शुक्रवार को अंतिम टेस्ट से बाहर कर दिया लेकिन किंग कोहली सहित बाकी बल्लेबाज भी तू चल में आया की राह पर ही चले। नतीजा सीरीज में तीसरी बार पहली पारी में भारतीय टीम 200 का स्कोर भी नहीं कर पाई। खराब फॉर्म और तकनीकी कमजोरियों से जूझ रहे विराट कोहली 69 गेंद में 17 रन बनाकर चलते बने। आफ स्टम्प से बाहर जाती गेंद उन्हें लगातार परेशान करती आ रही है। यहां भी उन्होंने अपना विकेट आसानी से गंवा दिया। पहले दिन का खेल समाप्त होने पर ऑस्ट्रेलिया ने एक विकेट पर नौ रन बनाए थे। कार्यवाहक कप्तान बुमराह ने खराब फॉर्म से जूझ रहे उस्मान ख्वाजा (2) को पवेलियन भेज दिया। सैम कोंस्टास सात रन बनाकर खेल रहे थे।
बुमराह ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया। भारतीय बल्लेबाजों ने रन नहीं बनाए और विकेट गिरते रहे। दूसरे सत्र में अति रक्षात्मक खेलना महंगा पड़ा चूंकि गेंद पुरानी हो चुकी थी और स्विंग भी नहीं मिल रही थी। पंत ने जहां अनुशासित प्रदर्शन किया, वहीं गिल (20) डटकर बल्लेबाजी का प्रयास करने के बाद पहले सत्र की आखिरी गेंद पर लियोन को बाहर निकलकर खेलने के प्रयास में पहली स्लिप में कैच दे बैठे। केएल राहुल और यशस्वी ने पारी का आगाज किया लेकिन पहले ही घंटे में आउट हो गए। राहुल अच्छी गेंदों को छोड़कर बल्लेबाजी कर रहे थे लेकिन स्टार्क की एक गेंद ने उन्हें ललचा दिया और स्क्वेयर लेग पर उन्होंने सैम को कैच थमाया। यशस्वी (10) ने आन ड्राइव के साथ शुरुआत की। उन्होंने स्कॉट बोलैंड की गेंद पर स्लिप में वेबस्टर को कैच दे दिया जो अपना पहला टेस्ट खेल रहे हैं । अब तक रन बनाने के लिए जूझ रहे पंत ने मैच के हालात के अनुरूप खेला और जोखिम उठाने से बचते रहे। मेलबर्न में गैर जिम्मेदाराना शॉट खेलकर विकेट गंवाने वाले पंत ने कई प्रहार झेलते हुए पूरा दूसरा सत्र निकाला। उन्होंने ब्यू वेबस्टर को स्ट्रेट छक्का लगाया लेकिन इसके अलावा उन्हें बाजुओं पर, हेलमेट पर और पेट में दो बार गेंद लगी। उन्होंने जडेजा (26) के साथ पांचवें विकेट के लिए 48 रन जोड़े। पहले सत्र में 25 ओवर में सिर्फ 50 रन बने थे। आखिरकार पंत का संयम टूटा और एक पूल शॉट ने उनका विकेट ले लिया।
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बाक्स
कोहली के पास बस एक पारी
रोहित के बाद अब कोहली का टेस्ट करियर भी खतरे में हैं। उनसे पास लाल गेंद के क्रिकेट में टीम में अपनी जगह बनाए रखने के लिए अब बस एक पारी बची है। अगर पर्थ टेस्ट के शतक को छोड़ दिया जाए तो उन्होंने पिछली 20 टेस्ट पारियों में सिर्फ 17.57 की औसत से रन बनाए हैं। कोहली पहली ही गेंद पर आउट होने से बच गए लेकिन इसका फायदा नहीं उठा सके। लंच के बाद बोलैंड ने ही उन्हें आफ स्टम्प से बाहर गेंद डालकर स्लिप में लपकवाया। कोहली सीरीज में 26.28 की औसत से सिर्फ 184 रन बना पाए हैं।
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वैल्यू एडीशन
नंबर गेम
-185 रन किसी भी टीम का सिडनी में 2001 के बाद दूसरा सबसे कम स्कोर है। ऑस्ट्रेलिया ने 2010 में पाक के ख़िलाफ़ 127 रन बनाए थे
- 22 रन बुमराह ने बनाए जो इस सीरीज में किसी भारतीय कप्तान का सर्वोच्च स्कोर है। वहीं कम से कम सात पारी खेलने वाले किसी भी भारतीय कप्तान का एक सीरीज़ में दूसरा न्यूनतम स्कोर
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-8वीं बार भारतीय टीम इस सत्र में 185 या उससे कम स्कोर पर आउट हुई जो एक कैलेंडर वर्ष में संयुक्त रिकॉर्ड है
एक कैलेंडर वर्ष में सर्वाधिक बार 185 या उससे कम पर आउट होने वाली टीमें
टीम सत्र मैच पारियां 185 से कम स्कोर पर आउट
न्यूजीलैंड 1958 5 10 8
ऑस्ट्रेलिया 1958/59 8 16 8
वेस्टइंडीज 2000/01 10 20 8
बांग्लादेश 2001/02 6 12 8
द.अफ्रीका 2015/16 8 14 8
भारत 2024/25 10 19 8
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विंडीज के बाद भारत
भारत का इस सत्र का पहली पारी का सर्वोच्च स्कोर 376 रन रहा जो चेन्नई में बांग्लादेश के ख़िलाफ बनाया था। कम से कम 10 टेस्ट मैच खेलने वाली टीमों में से भारत के अलावा वेस्टइंडीज़ (2000-01) ही एकमात्र ऐसी टीम है, जिसने किसी एक सत्र के दौरान पहली पारी में 400 का आंकड़ा पार नहीं किया।
सबसे कम औसत
टीम ने इस सत्र में पहली पारी में प्रति विकेट 18.74 की औसत से रन बनाए। यह किसी भी टीम का एक सत्र में कम से कम पांच मैचों में पहली पारी में सबसे कम औसत है। भारत का औसत पहली पारी (टेस्ट की पहली और दूसरी पारी) में 22.92 रहा, जो किसी भी टीम का कम से कम दस मैचों में सबसे कम औसत है।
वॉर्न और ब्रॉड के क्लब में बुमराह
मौजूदा सीरीज में बुमराह ने 11 बार सलामी बल्लेबाजों को आउट किया। यह 2002 के बाद किसी भी गेंदबाज़ के लिए संयुक्त रूप से सबसे ज़्यादा है। वह शेन वॉर्न (2005 एशेज) और स्टुअर्ट ब्रॉड (2019 एशेज) के क्लब में शामिल हो गए।
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