बजट में मध्यवर्ग, किसान और उद्यमियों को बड़ी सौगात
नोट : मुख्य खबर - 12 लाख तक की आय को किया गया
नोट : मुख्य खबर - 12 लाख तक की आय को किया गया कर मुक्त, बाकी दरों भी किया गया बड़ा फेरबदल
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा और अपना आठवां बजट किया पेश
- कराधान, शहरी विकास, खनन, वित्तीय क्षेत्र, बिजली और नियामकीय ढांचे जैसे छह क्षेत्रों में सुधारों पर केंद्रित रहा बजट
- वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 50.65 लाख करोड़ से अधिक का बजट हुआ पेश, बीते वित्तीय वर्ष के मुकाबले 2.44 लाख करोड़ अधिक
नई दिल्ली। विशेष संवाददाता
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को वित्तीय वर्ष 2025-26 का आम बजट पेश करते हुए मध्यवर्ग, नौकरीपेशा, किसान, छोटे एवं मझोले उद्यमियों को बड़ी राहत देने का ऐलान। 12 लाख रुपये तक की सालाना आय को आगामी वर्ष के लिए कर मुक्त कर दिया गया है। आयकर से जुड़ी अन्य दरों (स्लैब) में भी परिवर्तन कर दिया गया है। 24 लाख से अधिक की सालाना आय वाले लोगों पर ही 30 प्रतिशत की दर से उच्च आयकर लगेगा जो अभी तक 15 लाख से अधिक की आय पर लागू होता है। आगामी वित्तीय वर्ष के लिए कुल 50.65 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया है जो बीते वर्ष जुलाई में पेश किए गए आम बजट की तुलना में 2.44 लाख करोड़ अधिक है।
वित्त मंत्री द्वारा पेश किया गया अपना आठंवा और मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा बजट कराधान, शहरी विकास, खनन, वित्तीय क्षेत्र, बिजली और नियामकीय ढांचे जैसे छह क्षेत्रों में सुधारों पर केंद्रित रहा। कृषि और किसानों के लिहाज से भी बजट में बड़ी घोषणाएं की गई हैं। किसानों को मदद देने के उद्देश्य से किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के जरिए ऋण की सीमा को तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख कर दिया गया है। कम उत्पादकता, कम उपज और औसत से कम ऋण मापदंडों वाले जिलों को वित्तीय सहयोग प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना शुरू होगी। दलहन उत्पादन बढ़ाने के लिए आत्मनिर्भर मिशन शुरू किया जाएगा। नेफेड और एनसीसीएफ अगले चार वर्षों तक किसानों से सीधे दालें खरीदेंगी। राष्ट्रीय उच्च पैदावार मिशन, कपास उत्पादक मिशन, बिहार में मखाना बोर्ड, सब्जियों और फलों के लिए व्यापक कार्यक्रम और मत्स्य उद्योग के लिए फ्रेमवार्क लाने की घोषणा की गई है। उधर, बजट में कोबाल्ट पाउडर, लिथियम ऑयन बैटरी के अपशिष्ट, लेड, जिंक और अन्य 12 खनिज पर सीमा शुल्क में छूट दी है। घरेलू तकनीकी वस्त्र उत्पादों को बढ़ावा देने का भी फैसला लिया गया है। ओपन सेल्स और अन्य घटकों पर सीमा शुल्क में छूट दी गई है। इसका मतलब है कि मोबाइल, कपड़े, एलईडी, एलसीडी और इलेक्ट्रिक वाहन सस्ते होंगे। टीडीएस और टीसीएस को तर्क संगत बनाने और धर्मार्थ न्यासों व संस्थानाओं पर शुल्क का बोझ कम करने का फैसला लिया गया है।
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एमएसएमई को विकास का इंजन बनाने की तैयारी
बजट में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को देश के आर्थिक विकास का इंजन बनाने का ऐलान किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि वर्तमान में 5.7 करोड़ एमएसएमई 7.5 करोड़ लोगों को रोजगार देता है, जिसकी विनिर्माण क्षेत्र में करीब 36 फीसदी की हिस्सेदारी है। अब एमएसएमई देश के आर्थिक विकास का इंजन बने, इसके लिए सरकार ने 10 लाख कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड जारी करेगी। पहले वर्ष में कार्ड पर पांच लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाएगा। स्टार्टअप के लिए 10 हजार करोड़ का नया कोष, महिला, अनुसूचित जाति व जनजाति को पहला उद्यम लगाने पर दो करोड़ रुपये तक का सावधि ऋण, भारत को वैश्विक खिलौना केंद्र बनाने, विनिर्माण मिशन के तहत मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन की स्थापना करने का ऐलान किया गया।
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निवेश को प्रोत्साहन
बजट में निवेश को प्रोत्साहन दिए जाने की दिशा में भी कई ऐलान किए गए हैं। लोगों में निवेश के तहत सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 को बढ़ावा देने, अगले पांच वर्ष में 50 हजार अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना, माध्यमिक स्कूल और प्राथमिक केंद्रों को ब्रांडबैंड से जोड़े जाने, राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता केंद्र, आईआईटी की क्षमता का विस्तार और अगले पांच वर्ष में 50 हजार मेडिकल सीटों को बढ़ाने का भी ऐलान किया गया है। इसके साथ ही अगले तीन वर्षों में सभी जिला अस्पताल में डे-केयर कैंसर केंद्र भी बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
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विकास, नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा
अर्थव्यवस्था में निवेश के तहत बजट में परमाणु ऊर्जा मिशन, एक लाख करोड़ का शहरी चुनौती मिशन और अगले 10 वर्षों में 120 नए गंतव्य स्थलों तक चार करोड़ लोगों को हवाई याता की सुविधा प्रदान करने के लिए संशोधित उड़ान स्कीम को लाया जाएगा। उड़ान स्कीम के तहत पर्वतीय, आकांक्षी जिलों और पर्यटन के लिहास से अहम क्षेत्रों को हैलीपेड व हवाई पट्टी के माध्यम से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही अनुसंधान, विकास और नवाचार की दिशा में भी कई ऐलान किए गए हैं। नवाचार में निवेश के तहत नेशनल जियो स्पेटियल मिशन, ज्ञान भारतम मिशन और प्रधानमंत्री अनुसंधान फैलोशिप की घोषणा की गई है। बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेश निवेश की सीमा क 74 से बढ़ाकर 100 फीसदी करने का भी ऐलान किया गया है।
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लोगों के स्वास्थ्य का भी ख्याल
बजट में लोगों की स्वास्थ्य देखभाल और इलाज पर आने वाले खर्च का भी ख्याल रखा गया है। सरकार ने 36 जीवन रक्षक दवाओं व औषधियों पर सीमा शुल्क पूरी तरह से हटा लिया है। इसके साथ ही, छह जीवन रक्षक दवाओं पर घटाकर पांच प्रतिशत करने का फैसला लिया है। 13 नए रोगी सहायता कार्यक्रमों को भी शुल्क मुक्त की श्रेणी में शामिल किया है।
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अन्य प्रमुख बातें
- आयकर अधिनियम को समझने के हिसाब से सरल बनाने और मुकदमों को कम करने के लिए आयकर अधिनियम संशोधन विधेयक अलगे सप्ताह आएगा।
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर कटौती की सीमा को 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख किया गया।
- किराए पर टीडीएस के लिए वार्षिक सीमा 2.40 लाख से बढ़ाकर छह लाख रुपये की गई।
- उच्च टीडीएस के प्रावधान को केवल गैर पैन मामलों में लागू किया जाएगा।
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बिहार पर खास ध्यान: बजट में केंद्र सरकार का ध्यान एनडीए में शामिल जेडीयू शासित बिहार पर खासा ध्यान रहा। इस वर्ष के अंत में राज्य के अंदर विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में केंद्रीय बजट से बिहार से जुड़ी हुई घोषणाएं की गई। इनमें नए ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट, मखाना बोर्ड, पटना आईआईटी का विस्तार, बुद्ध से जुड़े हुए पर्यटन स्थलों का विकास और कोसी मिथिलांचल परियोजना का ऐलान शामिल है।
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