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सिंधु जल समझौता स्थगित रहेगा, पाकिस्तान को नहीं मिलेगी राहत

भारत ने पाकिस्तान के साथ सीजफायर के निर्णय के बाद सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया है। इससे पाकिस्तान की कृषि और अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा क्योंकि भारत नदियों के पानी को नियंत्रित करेगा।...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 10 May 2025 09:58 PM
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सिंधु जल समझौता स्थगित रहेगा, पाकिस्तान को नहीं मिलेगी राहत

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। पाकिस्तान के साथ सीजफायर के फैसले के बाद सैन्य अभियान तो रुक जाएगा, लेकिन पहलगाम की आतंकी घटना के बाद पाकिस्तान को लेकर लिए गए तमाम फैसले और प्रतिबंध लागू रहेंगे। इनमें सिंधु जल समझौता को स्थगित करना, निर्यात पर रोक, वीजा पर रोक, राजनयिकों की कमी जैसे फैसले शामिल हैं। साथ ही अब आतंकी हमला पाकिस्तान को बहुत भारी पड़ेगा। सीजफायर के बाद पाकिस्तान को भारत के प्रतिकारी एवं प्रभावी सैन्य अभियान से भले ही राहत मिल गई हो, लेकिन उसकी मुसीबतें कम नहीं होने वाली हैं। सबसे बड़ी दिक्कत सिंधु जल समझौते के स्थगित करने से होगी।

भारत अपनी मर्जी से नदियों में पानी छोड़ेगा और रोकेगा। मालूम हो कि पाकिस्तान की खेती, पेयजल के साथ उसकी अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा सिंधु बेसिन से आने वाली नदियों से जुड़ा है। सिंधु बेसिन की पाकिस्तान में जाने वाली छह प्रमुख नदियों में तीन पूर्वी प्रवाह वाली और तीन पश्चिमी प्रवाह वाली है। पश्चिमी प्रवाह वाली तीन नदियों झेलम, चिनाब और सिंधु का अधिकांश जल पाकिस्तान को मिलता था, लेकिन सिंधु जल समझौते के स्थगित होने के बाद अब भारत इन तीनों नदियों के पानी को न केवल रोक रहा है बल्कि कभी भी बिना सूचना दिए छोड़ भी रहा है। इससे पाकिस्तान की खेती के साथ उसके अन्य कामकाज भी बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। सिंधु जल समझौते को स्थगित करके भारत ने पाकिस्तान की उस बड़ी नस को दबा रखा है, जो उसकी अर्थव्यवस्था और जीवनयापन का एक बड़ा हिस्सा है। सूत्रों का कहना है कि सरकार ने पाकिस्तान के साथ सीमा पर संघर्ष विराम का जो फैसला किया है उसके कई अंतरराष्ट्रीय कारण हैं। यह स्थिति पाकिस्तान द्वारा लाई गई थी, इसलिए पाकिस्तान के पीछे हटने से भारत को सीजफायर मानना पड़ा है। अब भारत सिंधु जल समझौते को स्थगित करने से मिली अनुकूल परिस्थितियों का लाभ उठाएगा। वह बगलिहार बांध की ऊंचाई को बढ़ाएगा और किशनगंगा प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करेगा। साथ ही इन नदियों के पानी को डायवर्ट करने के लिए नहरों का इंतजाम भी करेगा ताकि आने वाले समय में भारत इन नदियों के पानी का अधिकतम इस्तेमाल कर सके। इस स्थित को पाकिस्तान बहुत दिन तक सह नहीं सकेगा और उसे भारत के साथ भारत की शर्तों पर समझौते के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

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