खेल : न्यूजीलैंड 36 साल बाद भारत में जीता
भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में 8 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। कीवियों ने इस जीत के साथ तीन मैचों की श्रृंखला में 1-0 की बढ़त बना ली है। बुमराह ने पहले ही ओवर में विकेट लिया, लेकिन विल...
शोल्डर : टीम इंडिया को आठ विकेट से मिली शिकस्त, कीवियों ने तीन मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बनाई, बेंगलुरु, एजेंसी। आसमान में छाए बादल और तेजी से घूमती गेंद। बुमराह का खतरनाक स्पैल। दर्शकों का हर गेंद पर टीम इंडिया-टीम इंडिया के नारों के साथ खिलाड़ियों में जोश भरना। कुछ भी भारतीय टीम के काम नहीं आया। न्यूजीलैंड ने रविवार को मैच के अंतिम दिन मेजबान टीम के हर वार को नाकाम कर आखिरकार 36 साल बाद भारत में पहली जीत हासिल कर ही ली। पहले टेस्ट में आठ विकेट की विजय के साथ न्यूजीलैंड ने तीन मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली। कीवियों ने इससे पहले भारत को 1988 में जॉन राइट की कप्तानी में वानखेड़े स्टेडियम पर 136 रन से हराया था। यह उसकी कुल तीसरी जीत है।
बुमराह का पहली गेंद पर विकेट : टीम इंडिया को आखिरी दिन बारिश से साथ किसी चमत्कार की उम्मीद थी। गीली आउटफील्ड के कारण मैच एक घंटा देरी से शुरू हुआ। न्यूजीलैंड के सामने जीत के लिए सिर्फ 107 रन का लक्ष्य था। बुमराह ने पहली ही गेंद पर न्यूजीलैंड के कप्तान टॉम लैथम (0) को एलबीडब्ल्यू आउट कर दिया। इसने दर्शकों के साथ खिलाड़ियों में भी उत्साह भर दिया। अंपायर ने उन्हें आउट दिया जिस पर उन्होंने रिव्यू लिया। डीआरएस में भी उनके आउट होने की पुष्टि हो गई। डेवोन कॉन्वे (17) को भी बुमराह ने एलबीडब्ल्यू आउट किया।
यांग और रचिन की साझेदारी : न्यूजीलैंड का स्कोर दो विकेट पर 35 रन हो गया। अब विल यंग (48) के साथ पहली पारी के शतकवीर रचिन रवींद्र (39) ने मोर्चा संभाला। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 75 रन की अटूट साझेदारी कर टीम को आसान जीत दिलाई। आसमान खिलने के बाद बल्लेबाजी में दिक्कत नहीं हुई। दोनों ने ढीली गेंदों को नसीहत दी। रचिन ने कुलदीप को छक्का भी लगाया।
दूसरा टेस्ट पुणे में : पहली पारी में 46 रन पर आउट होने के बावजूद भारत ने जिस तरह मैच में वापसी की थी, वह काबिले तारीफ है। उसे अब पुणे में 24 अक्तूबर से शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट में इस हार को भुलाकर अपना स्वाभाविक खेल दिखाना होगा। गले की जकड़न से उबरने के बाद शुभमान गिल की दूसरे टेस्ट में वापसी तय लग रही है। हालांकि पहले टेस्ट की दूसरी पारी में 150 रन बनाने वाले सरफराज खान को अब अनदेखा नहीं किया जा सकता। भारत को यह भी देखना होगा कि तीन तेज गेंदबाजों के साथ उतरना है या तीन स्पिनर ही उतारने हैं। यह फैसला एम चिन्नास्वामी स्टेडियम पर कारगर साबित नहीं हुआ। भारत को तीसरे तेज गेंदबाज की कमी महसूस हुई होगी। विकेट से बुमराह और सिराज को मदद मिल रही थी। -------------------
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डब्ल्यूटीसी में भारत शीर्ष पर कायम, अब जीतने होंगे चार मैच
न्यूजीलैंड से हार के बावजूद भारतीय टीम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप ð(डब्ल्यूटीसी) में शीर्ष पर कायम है। हालांकि उसका प्रतिशत गिरकर 68.06 अंक रह गया है। रोहित एंड कंपनी को अगर लगातार तीसरी बार फाइनल में जगह बनानी है तो उसे शेष सात में से चार मैच जीतने होंगे और दो (56 अंक) ड्रॉ करवाने होंगे। इससे उसे 67.54 प्रतिशत अंक मिलेंगे। वहीं, दक्षिण अफ्रीका अगर अपने बचे छह मैच जीत लेता है तो उसके 69.44 प्रतिशत अंक हो जाएंगे। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया चार जीत और दो ड्रॉ से 64.04 प्रतिशत अंक तक ही पहुंचेगा। अगर भारत 56 अंक हासिल नहीं कर पाता है तो उसके शीर्ष दो में रहने की संभावना कम रहेगी। जैसे कि अगर भारत चार मैच जीतता है और एक ड्रॉ रहता है तो उसे 52 अंक मिलेंगे। ऐसे ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका की टीमें भारत से आगे निकल सकती हैं। अभी ऑस्ट्रेलिया 62.50 प्रतिशत अंकों के साथ दूसरे और श्रीलंका (55.56 प्रतिशत अंक) तीसरे नंबर पर है।
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12 साल बाद घर में दो टेस्ट हारे
पिछले 12 साल बाद भारत ने घर में एक सत्र में दो मैच हारे। जनवरी में टीम को इंग्लैंड से हार मिली थी। वहीं इससे पहले 2012 में टीम ने घर में इंग्लैंड से लगातार दो मैच हारे थे।
19 साल बाद बेंगलुरु में हार
भारतीय टीम ने 19 साल बाद बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में कोई टेस्ट हारा है। वहीं न्यूजीलैंड ने चार टेस्ट में पहली बार यहां जीत दर्ज की। भारत को यहां पिछली हार 2005 पाकिस्तान के हाथों मिली थी। उसके बाद से टीम ने आठ मैच खेले जिसमें से पांच जीते और तीन बराबरी पर छूटे।
24 साल बाद
पिछले 24 साल में यह पहला मौका है जब किसी मेहमान टीम ने भारत में 100 या उससे अधिक रन का लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल किया। इससे पहले 2000 में मुंबई में दक्षिण अफ्रीका ने ऐसा किया था। तब से लेकर अब तक भारत ने 32 घरेलू मैचों में से 23 में 100 से अधिक रन के लक्ष्य का सफलतापूर्वक बचाव किया है। नौ मैच ड्रॉ रहे हैं।
4.83 की इकोनॉमी रही भारतीय स्पिनरों की
भारतीय स्पिनरों ने 4.83 की इकोनॉमी से रन लुटाए। इससे पहले सिर्फ एक बाद स्पिनरों की इकोनॉमी रेट इससे अधिक रही है जब उन्होंने 300 से अधिक गेंदें फेंकी है। तब 2010 में सेंचुरियन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उनकी इकोनॉमी 5.60 रही थी।
स्पिनरों की दूसरी सर्वाधिक इकोनॉमी
दोनों टीमों के स्पिनरों की इकोनॉमी रेट 4.93 रही जो एक टेस्ट में 600 प्लस गेंद फेंकने के दौरान दूसरी सर्वाधिक है। भारत और पाक के बीच 2006 में लाहौर में खेले गए मुकाबले में स्पिनरों ने पर ओवर 5.13 की इकोनॉमी से रन लुटाए थे।
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::: कोटस :::
'मुझे लगता है कि 36 साल बाद हमने यहां जीत हासिल की है। इस स्थिति में होना वास्तव में एक विशेष एहसास है। यह इस टीम के लिए गर्व का क्षण है और हम इसका जश्न मनाएंगे। हम निश्चित रूप से जानते हैं कि यह भारत के खिलाफ (दूसरे टेस्ट में) एक चुनौती होगी, जिनके पास जाहिर तौर पर पूरी वापसी की दमदार क्षमता है।' -टॉम लैथम, कप्तान न्यूजीलैंड
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'हम एक मैच या एक सीरीज के आधार पर अपनी मानसिकता नहीं बदलते हैं। हम टेस्ट मैच हारने के डर से अपनी मानसिकता नहीं बदलने जा रहे हैं। यह अपनी कोशिश जारी रखने के साथ प्रतिद्वंद्वी टीम को यह संदेश देने के बारे में है कि हम दबाव में या मैच में पिछड़ नहीं रहे हैं। जब आप वास्तव में पीछे होते हैं, तो आप असाधारण चीजें करने की कोशिश करना चाहते हैं और बिना किसी डर के खेलना चाहते हैं।' -रोहित शर्मा, कप्तान भारत
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नंबर गेम
-173 रन मैच में शतक सहित बनाने वाले रचिन प्लेयर ऑफ द मैच
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