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सिंधु जल समझौता स्थगित होने से बाद देश के कई राज्यों को होगा लाभ

भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल समझौता स्थगित होने से भारत के कई राज्यों को बड़ा लाभ मिल रहा है। जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में अब पानी की कमी नहीं होगी। इससे खेती में...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 12 May 2025 08:44 PM
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सिंधु जल समझौता स्थगित होने से बाद देश के कई राज्यों को होगा लाभ

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल समझौता स्थगित होने से भारत के कई राज्यों को बड़ा लाभ होने जा रहा है। इस समझौते के स्थगित होने से भारत अब सिंधु बेसिन के समझौते की तहत आने वाली छह प्रमुख नदियों का पानी अपने हिसाब से इस्तेमाल करेगा। पाकिस्तान को आवश्यक पानी देने की प्रतिबद्धता समाप्त होने के बाद अब भारत में जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और यहां तक की उत्तर प्रदेश तक में अपनी खेती तथा अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए ज्यादा पानी मिल रहा है। इसके साथ ही पंजाब और हरियाणा के बीच जल विवाद भी थम जाएगा, क्योंकि अब किसी भी राज्य में पानी की कमी नहीं रहेगी।

हालात बदले गर्मियों के मौजूदा मौसम में पानी की कमी के साथ नदियों में प्रवाह कम होने से कई राज्यों को अपनी खेती और पेयजल आदि जरूरतों के लिए पानी की कमी होने लगती है। अन्य प्रदेशों के साथ उत्तरी राज्यों में हर साल यह स्थिति बनती है, लेकिन अब सिंधु जल समझौता स्थगित होने के बाद हालात बदलने लगे हैं। भारत अपनी जरूरतों के अनुसार निर्णय कर रहा सिंधु जल समझौते में भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु बेसिन की जिन छह प्रमुख नदियों के पानी के इस्तेमाल का निर्धारण होता था, उनमें रावी, सतलज, व्यास के साथ सिंधु, झेलम और चेनाब शामिल थीं। रावी, सतलज और व्यास का 80 फीसदी पानी भारत इस्तेमाल करता था, जबकि सिंधु, चेनाब और झेलम का लगभग 80 प्रतिशत पानी पाकिस्तान इस्तेमाल करता था। अब भारत अपनी मर्जी से नदियों में पानी को रोकने और छोड़ने का काम कर रहा है। इससे सिंधु, चेनाब व झेलम नदियों में अतिरिक्त पानी जमा हो गया और कई बार भारत को इन नदियों पर अपने हिस्से में बने बांधों में से ज्यादा पानी होने के कारण पानी को छोड़ना भी पड़ रहा है। राज्यों में इस्तेमाल हो रहा पानी रावी, सतलज और व्यास के तहत पाकिस्तान को जाने वाले पानी को भी अब रोका जा रहा है। उसका इस्तेमाल भारत अपने राज्यों में कर रहा है। खासकर पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में इस पानी का ज्यादा उपयोग किया जा रहा है। हरियाणा और पंजाब के बीच पानी को लेकर विवाद भी अब थमता नजर आ रहा है। राजस्थान में भी इंदिरा गांधी नहर में पानी की आवक बढ़ गई है। इसके चलते मौजूदा गर्मियों में उत्तर भारत के किसी भी राज्य में पानी की बड़ी समस्या नहीं आने वाली है। हाथ फैलाने के लिए पाकिस्तान हो सकता है मजबूर इससे पाकिस्तान में लगातार संकट बढ़ेगा। दोनों देशों के बीच संघर्ष भले ही थम गया हो, लेकिन पानी इतना बड़ा मुद्दा है कि पाकिस्तान को कुछ महीनों में भारत के सामने हाथ फैलाने पड़ सकते हैं। उत्तर भारत में ज्यादा पानी मिलने से अब भाखड़ा समेत विभिन्न बांध में जल विद्युत का उत्पादन भी बढ़ सकेगा। इससे बिजली की कमी भी दूर होगी।

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