जाकिर नाईक के मुद्दे पर बात नहीं हुई
भारत और मलेशिया के प्रधानमंत्रियों ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की बात की लेकिन जाकिर नाईक का मुद्दा बैठक में नहीं उठा। नाईक पर धनशोधन और कट्टरता फैलाने के आरोप हैं। भारत ने मलेशिया से नाईक को...
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। भारत और मलेशिया के प्रधानमंत्रियों के बीच मंगलवार को बैठक में आतंकवाद और चरमंपथी तत्वों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की बात हुई लेकिन इस्लामी प्रचारक जाकिर नाईक का मुद्दा इसमें नहीं उठा। विदेश मंत्रालय की तरफ से इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं कहा गया पर एक अन्य कार्यक्रम में मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने कहा कि यह मुद्दा आज की बैठक में नहीं उठा।
इस्लामी प्रचारक जाकिर नाईक के खिलाफ धनशोधन और कट्टरता फैलाने के आरोप हैं तथा एनआईए उसके खिलाफ जांच कर रही है। वह 2016 में मलेशिया चला गया और वापस नहीं लौटा। भारत उसे लगातार सौंपे जाने की मांग कर रहा है। मलेशिया के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि भी है। मलेशिया के प्रधानमंत्री की यात्रा को लेकर अटकलें लगाई जा रही थी कि भारत सरकार जोरदार तरीके से इस मामले को उठाएगी। लेकिन संयुक्त बयान में भी यह मुद्दा शामिल नहीं है।
जानकार मान रहे हैं कि भारत का फोकस मलेशिया से संबंधों को मजबूती पर है। दरअसल, महातिर जब मलेशिया के प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने और सीएए को लेकर प्रतिकूल टिप्पणियां की थी जिसके बाद संबंधों में तल्खी आई थी। भारत ने पाम आयल के आयात पर भी रोक लगा दी थी। अब महातिर सरकार बदल चुकी है और दोनों तरफ से संबंधों में मजबूती की कोशिश हो रही है। जाकिर नाईक के मुद्दे पर कौंसलर स्तर पर बातचीत चल रही है।
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