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सैटेलाइट ब्रॉडबैंड के लिए स्पेक्ट्रम का आवंटन होगा : सिंधिया

शोल्डर --- जियो और एयरटेल कर रहे थे नीलामी की मांग, स्टारलिंक का रास्ता आसान

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 7 Nov 2024 06:58 PM
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नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि सैटेलाइट ब्रॉडबैंड के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी के बजाय उसका आवंटन किया जाएगा। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) इसके लिए कीमत तय करेगा। भारतीय उद्योगपति मुकेश अंबानी और सुनील मित्तल इसकी नीलामी किए जाने की मांग कर रहे हैं, जबकि अमेरिकी अरबपति एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक ने इसके आवंटन की वकालत की है। केंद्रीय मंत्री द्वारा स्थिति स्पष्ट करने के बाद स्टारलिंक का भारत में प्रवेश करना आसान हो जाएगा। कीमत तय होगी

सिंधिया ने कहा कि दिसंबर में पारित दूरसंचार अधिनियम 2023 ने इस मामले को 'अनुसूची 1' में डाल दिया है, जिसका अर्थ है कि सैटकॉम स्पेक्ट्रम का आवंटन प्रशासनिक रूप से किया जाएगा। ऐसा आवंटन सरकार द्वारा तय की गई कीमत पर होगा और स्टारलिंक जैसी विदेशी कंपनियों को वॉयस और डाटा सेवाएं प्रदान करने की अनुमति देगा। अगर स्पेक्ट्रम की नीलामी की जाती, तो स्टारलिंक के लिए सेवाएं शुरू करना महंगा हो जाता।

अंतरराष्ट्रीय नियम बेहद स्पष्ट

सिंधिया ने कहा कि हर देश को अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) का पालन करना होता है, जो अंतरिक्ष या उपग्रहों में स्पेक्ट्रम के लिए नीति निर्धारित करने वाला संगठन है। आईटीयू 'असाइनमेंट' के आधार पर स्पेक्ट्रम दिए जाने के मामले में बेहद स्पष्ट रहा है। इसके अलावा, दुनियाभर में कोई देश उपग्रह के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी नहीं करता है। भारत डिजिटल प्रौद्योगिकी के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) का सदस्य है।

जियो और एयरटेल नीलामी के पक्ष में

मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो और सुनील मित्तल की भारती एयरटेल नीलामी के जरिए ऐसे स्पेक्ट्रम के आवंटन पर जोर दे रही थीं। दोनों कंपनियां सैटेलाइट ब्रॉडबैंड क्षेत्र में भी हिस्सेदारी के लिए होड़ में हैं। उनका मानना ​​है कि नीलामी के जरिए उन पुराने परिचालकों को समान अवसर उपलब्ध हो सकेंगे, जो स्पेक्ट्रम खरीदते हैं और टेलीकॉम टावर जैसे बुनियादी ढांचे की स्थापना करते हैं।

विदेशी कंपनियां चाहती हैं आवंटन

वहीं, एलन मस्क की स्टारलिंक और अमेजन के प्रोजेक्ट कुइपर जैसी वैश्विक कंपनियों ने लाइसेंस के प्रशासनिक आवंटन का समर्थन किया है। दोनें कंपनियां दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते मोबाइल टेलीफोनी और इंटरनेट बाजार में प्रवेश करना चाहती हैं। स्टारलिंक ने देश में परिचालन शुरू करने के लिए लाइसेंस के लिए आवेदन भी किया है।

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बॉक्स न्यूज----- 1

जियो ने संशोधित दस्तावेज लाने का आग्रह किया

उच्चतम न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश ने रिलायंस जियो द्वारा मांगी गई कानूनी राय के जवाब में कहा कि उपग्रह संचार के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन पर ट्राई के परामर्श पत्र में जमीनी दूरसंचार नेटवर्क के साथ समान अवसर के मुद्दे को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि जियो ने ट्राई द्वारा जारी परामर्श पत्र पर उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एल. नागेश्वर राव से प्राप्त कानूनी राय सौंप दी है। जियो ने ट्राई से संशोधित दस्तावेज लाने का आग्रह किया है। उसने आरोप लगाया है कि इसमें उपग्रह और स्थलीय सेवाओं के बीच समान अवसर सुनिश्चित करने के महत्वपूर्ण बिंदु की अनदेखी की गई है।

बॉक्स न्यूज----- 2

बिना सिम कॉलिंग सुविधा शुरू करेगा बीएसएनएल

नई दिल्ली। सरकारी दूरसेवा प्रदाता कंपनी बीएसएनएल जल्द ही डायरेक्ट टू डिवाइस (डी2डी) सेवा शुरू करने जा रही है। इसके जरिए ग्राहक बिना सिम कार्ड और मोबाइल नेटवर्क के कॉल कर सकते हैं। यह सेवा ह सैटेलाइट संचार तकनीक पर आधारित है। इसमें एक मोबाइल दूसरे मोबाइल से सैटेलाइट लिंक के जरिए जुड़ जाते हैं और कॉलिंग संभव हो पाती है। इसके लिए मोबाइल टावर की आवश्यकता नहीं होती है।

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