हल्दी का उत्पादन व निर्यात बढ़ाने में मदद करेगा बोर्ड: पीयूष गोयल
केंद्र सरकार ने अगले पांच वर्षों में हल्दी के उत्पादन को 20 लाख टन तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इसके उद्घाटन...
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। केंद्र सरकार ने हल्दी का उत्पादन अगले पांच वर्ष में 20 लाख टन तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। इसी लक्ष्य को हासिल करने में राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड मदद करेगा। मंगलवार को बोर्ड का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि उत्पादन को बढ़ावा देने, निर्यात को बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नए बाजार विकसित करने में बोर्ड की अहम भूमिका होगी। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोर्ड की स्थापना पर खुशी जाहिर की। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि हल्दी बोर्ड की स्थापना से हल्दी उत्पादन में नवाचार, वैश्विक प्रचार और मूल्य संवर्धन के बेहतर अवसर सुनिश्चित होंगे। दिल्ली में आयोजित बोर्ड के वर्चुअल उद्घाटन कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि बोर्ड नए उत्पादों और मूल्यवर्धित हल्दी उत्पादों के लिए देश के पारंपरिक ज्ञान पर अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देगा। हल्दी को सुनहरा मसाला कहा जाता है। अभी तक भारत दुनिया में हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है। मौजूदा समय में वैश्विक हल्दी उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी करीब 70 है लेकिन अब हम इसे बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत में 3.05 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हल्दी की खेती की गई थी, जिसमें 10.74 लाख टन उत्पादन हुआ ।
भारत में हल्दी की 30 से अधिक किस्में कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत 20 से अधिक राज्यों में उगाई जाती हैं। सरकार का लक्ष्य उत्पादक क्षेत्र को बढ़ाकर वर्ष 2030 तक हल्दी का निर्यात एक अरब डॉलर से अधिक का है। ध्यान रहे कि सरकार ने अक्टूबर में बोर्ड के गठन की अधिसूचना जारी की। पल्ले गंगा रेड्डी को बोर्ड का पहला चेयरपर्सन नामित किया गया है। इसका मुख्यालय निजामाबाद (तेलंगाना) में स्थापित किया गया है।
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