आयकर अधिनियम में सरलीकरण को लेकर कमेटी जल्द देगी रिपोर्ट
आयकर अधिनियम-1961 की व्यापक समीक्षा करने वाली कमेटी इस महीने के अंत तक अपनी रिपोर्ट देगी। वित्त मंत्री ने कहा है कि कमेटी केवल नियमों और कानूनों के सरलीकरण पर सुझाव देगी, कर दरों पर नहीं। आयकर अधिनियम...
- दिसंबर के अंत तक कमेटी दे सकती है अपनी रिपोर्ट, पुराने नियमों और कानूनों को सरल बनाने की कवायद नई दिल्ली। विशेष संवाददाता
आयकर अधिनियम-1961 की व्यापक समीक्षा के बाद कमेटी इस महीने के अंत तक अपनी रिपोर्ट देगी। आयकर समीक्षा कमेटी की तरफ से अधिनियम से जुड़े हर अध्याय का बारीकी से अवलोकन किया जा रहा है और आम लोगों के सुझावों के आधार पर विस्तृत रिपोर्ट भी तैयार की जा रही है। इसी बीच सरकार की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि यह कमेटी सिर्फ आयकर से जुड़े नियमों व कानूनों के सरलीकरण को लेकर सुझाव देगी। इसके अतिरिक्त कर दरों को लेकर कोई सुझाव कमेटी की तरफ से नहीं दिया जाएगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के आम बजट के दौरान आयकर अधिनियम की समीक्षा कर व्यापक सरलीकरण करने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि कमेटी छह महीने में अपनी रिपोर्ट देगी। अब दिसंबर में छह महीने पूरे हो रहा है, ऐसे में कमेटी अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में लगी है। सूत्रों का कहना है कि कमेटी के साथ उप-कमेटियां भी काम कर रही हैं, जिन्हें आयकर अधिनियम के अलग-अलग हिस्से की समीक्षा करने का काम सौंपा गया है। अभी तक आठ रिपोर्ट उप-कमेटियों द्वारा दी गई हैं, जिनका अलग से भी आंकलन किया जा रहा है। दरअसल आयकर अधिनियम दशकों पुराना हैं, जिसमें से कुछ धाराएं मौजूदा समय में अप्राशंगिक है या फिर उनकी वजह से आयकर विभाग से जुड़ी प्रक्रिया काफी लंबी हो जाती है। इसलिए सरकार चाहती है कि आयकर नियम और कानूनों में बदलाव करके सरल किया जाए, जिसे आयकरदाता को कोई परेशानी न हो। साथ ही, आयकर विभाग में वर्षों से लंबित वादों का आसानी से निस्तारण किया जा सके। ध्यान रहे कि आयकर अधिनियम में 23 अध्याय हैं और 298 धाराएं हैं, जिन्हें कमेटी के सुझाव पर सरल बनाने की कवायद चल रही है।
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