आईआईटी गुवाहटी ने विकसित किया शैवाल जैव रिफाइनरी मॉडल
शब्द : 210 ------------------ -अपशिष्ट जल को शैवाल की मदद से जैव ऊर्जा में

शब्द : 210 ------------------ -अपशिष्ट जल को शैवाल की मदद से जैव ऊर्जा में बदला जा सकेगा नई दिल्ली, एजेंसी आईआईटी गुवाहटी ने एक ऐसा शैवाल जैव रिफाइनरी मॉडल विकसित किया है जो अपशिष्ट जल को स्वच्छ ऊर्जा में बदल देगा। अधिकारियों के अनुसार संस्थान के शौधार्थियों ने यह नवाचार मॉडल तैयार किया है। इस प्रोजेक्ट में व्यापक स्तर पर रिएक्टर सिस्टम, अत्याधुनिक टिकाऊ थर्मोकेमिकल पद्धित व हरित रसायन का समावेश किया गया है जो घरेलू व व्यावसायिक अपशिष्ट जल का शोधन कर उसे जैव ईंधन बनाएगा। शोधार्थियों ने इसके लिए ऐसे 10 शैवाल की पहचान की जो अपशिष्ट जल से 85 प्रतिशत तक प्रदूषकों को दूर कर सकते हैं।
रासायनिक इंजीनियरिंग की प्रोफेसर कस्तूरबा मोहंती ने बताया कि इस पद्धित को प्रभावी व किफायती बनाने के लिए ऐसे फोटोबायोरिएक्टर्स का निर्माण किया गया जो शैवाल की वृद्धि को प्रोत्साहित करते हैं। साथ ही टीम ने अपशिष्ट से ऊर्जा पद्धति का विकास भी किया जो शैवाल व सीवर के अपशिष्ट से बायोक्रूड तेल बनाता है। यह तेल पेट्रोल जैसा होता है। शोधार्थी संजीव मिश्रा का कहना है कि आज शहरों में ऊर्जा सुरक्षा व अपशिष्ट जल शोधन के लिए पद्धति विकसित करना जरूरी हो गया है। ऐसे में यह मॉडल इस दिशा में स्वच्छ, हरित व टिकाऊ पद्धति में से एक है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।