हाइजैक हुए विमान में रखा था नए साल का तोहफा ‘लाल बैग
आईसी814 विमान अपहरण के दौरान, अजीत डोभाल को एक अपहरणकर्ता ने बताया कि विमान में एक लाल बैग रखा गया है जिसमें विस्फोटक और पासपोर्ट हो सकते हैं। यह घटना 24-31 दिसंबर 1999 को हुई, जिसमें भारत को बंधकों...
नई दिल्ली, एजेंसी। आईसी814 के बंधक कंधार में आठ दिनों तक आतंक के खौफ का सामना करने के बाद जब वापस लौटने वाले थे, तो एक अपहरणकर्ता ने तत्कालीन मुख्य वार्ताकार एवं मौजूदा एनएसए अजीत डोभाल को ‘चुपके से बताया था कि विमान में नये साल का एक तोहफा ‘लाल बैग छोड़ा गया है।
इस्लामाबाद में नियुक्त रहे भारतीय राजनयिक एआर घनश्याम अफगानिस्तान के कंधार गए थे और अपहरणकर्ताओं से बातचीत की शुरुआत की थी। उन्होंने अपनी पत्नी एवं पूर्व राजनयिक रुचि घनश्याम द्वारा लिखित पुस्तक ‘एन इंडियन वुमन इन इस्लामाबाद के एक अध्याय में इस बारे में विस्तार से बताया है। ‘आईसी814: द कंधार हाईजैक वेब सीरीज ने 24 दिसंबर-31 दिसंबर 1999 के विमान अपहरण की घटना के प्रति एक बार फिर से लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। विमान अपहरण के कारण भारत को बंधकों की जान के बदले में तीन आतंकवादियों को रिहा करना पड़ा था।
विस्फोटक और पासपोर्ट रखे थे
एआर घनश्याम, उस समय इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में वाणिज्यिक परामर्शदाता थे। उन्हें सूचना मिली कि विमान में कुछ ऐसा रखा हुआ है, जिसमें आधी रात को विस्फोट कर दिया जाएगा। घनश्याम ने पुस्तक में बताया है कि लाल बैग अपहरणकर्ताओं में से एक का था, इसमें विस्फोटक और संभवतः असली पासपोर्ट भी थे। जल्दबाजी में वे (अपहरणकर्ता) इसे होल्ड में भूल गए थे। इसे लेने के लिए उनके वापस आने तक, बंधकों को रिहा कर दिया गया था।
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