Hindi NewsAuto NewsHonda and Nissan Announce Merger Plan to Form World s Third Largest Auto Company

खतरे में टोयोटा का ताज! होंडा-निसान-मित्सुबिशी के विलय से बदलेगा खेल, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कार कंपनी बनने की तैयारी

मित्सुबिशी मोटर्स के साथ मिलकर होंडा और निसान दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी वाहन कंपनी बनने की तैयारी में हैं। इन कंपनियां ने मर्जर की घोषणा की है। आइए इस विलय का मुख्य उद्देश्य जानते हैं।

Sarveshwar Pathak हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 24 Dec 2024 06:02 AM
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जापान की दो प्रमुख वाहन निर्माता कंपनियां होंडा और निसान ने अपने मर्जर की घोषणा की है। इस विलय के बाद यह कंपनी बिक्री के मामले में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी वाहन निर्माता बन जाएगी। इस मर्जर के लिए में निसान की पार्टनर कंपनी मित्सुबिशी मोटर्स ने भी सहमति जताई है। इसका मतलब है कि इस विलय के बाद ये तीनों कंपनियां एक साथ काम करेंगी और अपनी टेक्नोलॉजी भी आपस में शेयर करेंगी। आइए इसे जरा विस्तार से समझते हैं।

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विलय का उद्देश्य

होंडा, निसान और मित्सुबिशी जैसी जापानी कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के क्षेत्र में वैश्विक प्रतिस्पर्धा से पिछड़ रही हैं। इस विलय का मुख्य उद्देश्य उत्पादन लागत में कमी लाना और बढ़ते घाटे को कम करना है। इससे इन कंपनियों को इलेक्ट्रिक वाहनों में नई तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करने और बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने में मदद मिलेगी।

फॉक्सवैगन जैसी कंपनियों से मुकाबला

इस विलय से फ्रांस की रेनो के साथ गठबंधन को भी मजबूती मिलेगी, जिससे ये कंपनियां जापान की टोयोटा मोटर कॉर्प और जर्मनी की फॉक्सवैगन जैसी दिग्गज कंपनियों से मुकाबला कर सकेंगी।

जापान में टोयोटा से सीधी टक्कर

टोयोटा के पास माजदा और सुबारू जैसी कंपनियों की पार्टनरशिप है, जिसके साथ कंपनी आपस में टेक्नोलॉजी शेयर करती है। यही वजह है कि 2023 में टोयोटा ने 1.15 करोड़ वाहन तैयार किए थे, जिसने इसे जापान की लीडिंग वाहन निर्माता कंपनी बनाए रखा। अब होंडा, निसान और मित्सुबिशी के प्रस्तावित विलय के बाद यह समूह संयुक्त रूप से 80 लाख वाहनों का उत्पादन करेगा और जापान में टोयोटा से सीधी टक्कर लेगा।

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भविष्य की योजना

यह विलय जापानी कंपनियों को इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में बेहतर प्रतिस्पर्धा करने और ग्लोबल मार्केट की जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा। यह कदम न केवल इन कंपनियों के विकास के लिए अहम है, बल्कि यह ग्लोबल वाहन उद्योग में जापान की भूमिका को भी मजबूत करेगा।

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