वडनगर का सामान्य बालक विश्व का नेता बना: शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मोदी के जन्मस्थल वडनगर में पहले पुरातत्व संग्रहालय का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि मोदी ने देश और दुनिया में वडनगर को प्रसिद्ध किया और शिक्षा को प्राथमिकता दी। 300...
- गृह मंत्री ने मोदी के जन्मस्थल वडनगर में दुनिया में अपने तरह के पहले पुरातत्व संग्रहालय का किया उद्घाटन - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा पर एक फिल्म का विमोचन भी किया
वडनगर (गुजरात), एजेंसियां। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामी दयानंद सरस्वती, महात्मा गांधी और सरदार पटेल की विरासत को भव्यता से आगे बढ़ाने का काम किया है। मोदी ने पूरे देश और दुनिया में वडनगर और गुजरात को प्रसिद्ध करने का काम किया। उन्होंने कहा कि वडनगर में व्यतीत हुए बचपन से लेकर देश के प्रधानमंत्री और विश्व नेता बनने तक मोदी के पूरे जीवन की यह यात्रा आने वाले दिनों में देश और दुनिया के बहुत सारे विद्यार्थियों के अध्ययन का विषय बनने वाली है।
गुजरात के दौरे पर आए शाह मेहसाणा जिले में मोदी के गृहनगर वडनगर में तीन प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित कर रहे थे। इन परियोजनाओं में एक पुनर्विकसित स्कूल भी शामिल है, जहां मोदी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की थी। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा पर एक फिल्म का विमोचन भी किया।
शाह ने अपने संबोधन में कहा, आज पूरी दुनिया भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पदचिह्नों पर चल रही है। आज का यह कार्यक्रम मोदी की ही जन्मभूमि पर हो रहा है। आज का यह कार्यक्रम कई मायनों में वडनगर को देश और दुनिया के नक्शे पर प्रमुखता से रखने वाला है। शाह ने कहा कि लगभग 300 करोड़ की लागत से बने इस संग्रहालय ने न सिर्फ वडनगर बल्कि गुजरात और पूरे देश की संस्कृति को दुनिया के नक्शे पर रखने का काम किया है। संग्रहालय बनाने वालों ने संग्रहालय भवन और उत्खनन स्थल में 2500 साल से अधिक पुरानी वडनगर की यात्रा को जीवंत करने का काम किया है।
मोदी ने अपनी गरीबी को जरूरतमंद लोगों के प्रति करुणा में बदला
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, मनोविज्ञान में यह पढ़ाया जाता है कि जिस बच्चे का बचपन गरीबी और अभाव में बीता है, वह नकारात्मकता से प्रेरित होता है। ऐसे बच्चों में विनाशकारी सोच भी विकसित होता है और वे बदले की भावना के साथ बड़े होते हैं। लेकिन, चाय बेचने वाले के एक परिवार में पैदा हुए नरेंद्र मोदी ने अपनी गरीबी को जरूरतमंद लोगों के प्रति करुणा में बदल दिया। शाह ने कहा, जब उस गरीब बच्चे ने राज्य (मुख्यमंत्री के रूप में गुजरात) और फिर देश की बागडोर संभाली, तो उसके मन में कभी कोई नकारात्मकता नहीं आई। उन्होंने पूरे देश में गरीबों के कल्याण के लिए काम किया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसी अन्य बच्चे को उस तरह की गरीबी का सामना न करना पड़े, जिसका उन्होंने सामना किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जीवन के शुरुआती वर्षों में प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने के बावजूद, केवल ईश्वरीय कृपा वाला और प्रतिभाशाली बच्चा ही किसी भी नकारात्मकता को मन में रखे बिना पूरे समाज का कल्याण करने के बारे में सोच सकता है। वर्ष 1888 में निर्मित स्कूल को अब प्रेरणा कॉम्प्लेक्स के रूप में पुनर्विकसित किया गया है, जिसका शाह ने उद्घाटन किया। इसके अलावा, उन्होंने वडनगर में एक पुरातत्व संग्रहालय और एक खेल परिसर का भी उद्घाटन किया।
शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि मोदी ने 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री का पदभार संभालने के बाद शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी थी। उन्होंने कहा, उनके प्रयासों की बदौलत स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की दर 37 प्रतिशत से घटकर 2014 में सिर्फ एक प्रतिशत रह गई। उन्होंने गुजरात के लोगों के समक्ष पेश आने वाली समस्याओं को जानने के लिए आरएसएस प्रचारक (पूर्णकालिक स्वयंसेवक) के रूप में राज्य के कोने-कोने का दौरा किया। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने एक-एक कर उन सभी मुद्दों को सुलझाया।
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का सपना सच हुआ
शाह ने याद दिलाया कि जब मोदी अपने शुरुआती राजनीतिक करियर के दौरान भारत के सांस्कृतिक पुनरुत्थान और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की बात करते थे, तो उनके (शाह) समेत अन्य भाजपा कार्यकर्ता हैरान रह जाते थे कि यह कैसे हकीकत बनेगा। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, रामलला 500 साल से अधिक समय तक तंबू में थे। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद अयोध्या में भव्य मंदिर का हमारा सपना साकार हुआ। इसी तरह, अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर वास्तव में भारत का अभिन्न अंग बन गया।
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भारत 2047 तक हर क्षेत्र में शीर्ष स्थान पर होगा
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत 2047 में जब आजादी के 100 साल पूरे करेगा तो वह हर क्षेत्र में दुनिया में पहले स्थान पर होगा। गणपत विश्वविद्यालय के 18वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने युवाओं से सिर्फ डिग्री लेने के बजाय ज्ञान हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करने और प्रतिस्पर्धा के बजाय सहयोग की संस्कृति विकसित करने को कहा।
शाह ने कहा कि आज के युवाओं के सामने चुनौतियां तो हैं ही, लेकिन केंद्र सरकार ने उनके लिए कई अवसर भी पैदा किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र में बदल दिया है।
उन्होंने कहा कि देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर 140 करोड़ नागरिकों ने भारत को विकसित देश बनाने का संकल्प लिया था। मुझे विश्वास है कि 2047 में जब भारत अपनी आजादी के 100 वर्ष पूरे करेगा, तो हर क्षेत्र में देश दुनिया में पहले स्थान पर होगा। उन्होंने कहा, आज दुनियाभर की कंपनियां भारत में अपने संयंत्र स्थापित करने के लिए उत्सुक हैं। भारत की बढ़ती विनिर्माण क्षमता से युवाओं को सबसे अधिक लाभ होगा। डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसी पहल ने आज के युवाओं के लिए ढेरों अवसर पैदा किए हैं।
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