Hindi Newsएनसीआर न्यूज़नई दिल्लीHeavy Sell-off in Indian Share Market Sensex and Nifty Crash Amid Global Tensions

भारी बिकवाली से बाजार में दो माह की सबसे बड़ी गिरावट

मुंबई में घरेलू शेयर बाजारों में भारी बिकवाली हुई, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट आई। विदेशी निवेशकों ने 30 हजार करोड़ रुपये के शेयर बेचे। पिछले चार कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स ने दो बार एक हजार...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 3 Oct 2024 07:42 PM
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मुंबई, एजेंसी। घरेलू शेयर बाजारों में गुरुवार को भारी बिकवाली हुई, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी धराशायी हो गए। यह दो महीने की सबसे बड़ी गिरावट है। पांच अगस्त के बाद बाजार इतनी बुरी तरह टूटा है। इस दिन सेंसेक्स ने 2,222 अंक और निफ्टी ने 662 अंक का गोता लगाया था। वहीं, बीते चार कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स ने दो बार एक हजार अंक से अधिक टूटा है। 300 से ज्यादा शेयरों में लगा लोअर सर्किट

बीएसई सेंसेक्स में 4,076 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ। इनमें से 2,864 कंपनियों के शेयर में तेज गिरावट आई। इस दौरान 67 कंपनियों के शेयर एक साल के निचले स्तर पर रहे, जबकि 286 शेयरों में लोअर सर्किट लगा। वहीं, निफ्टी में 2,900 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ। इनमें से 2,219 शेयरों में गिरावट आई। 63 शेयर सालभर के निचले स्तर आ गए हैं। वहीं, 105 शेयर लोअर सर्किट में रहे।

विदेशी निवेशकों ने की भारी बिकवाली

पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव से विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने वैश्विक बाजारों से निकासी तेज कर दी है। घरेलू शेयर बाजारों से दो दिन में तेज बिकवाली की है। गुरुवार को उन्होंने करीब 15 हजार करोड़ मूल्य के शेयर बेचे। इससे पहले 1 अक्तूबर को उन्होंने 5,579 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे थे। वहीं, 30 सितंबर को 9,791.93 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे थे। इस तरह बीते तीन कारोबारी सत्रों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक करीब 30 हजार करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेच चुके हैं।

ये क्षेत्र सबसे ज्यादा टूटे

रियल्टी 4.49

कैपिटल गुड्स 3.18

ऑटो 2.94

इंडस्ट्रियल्स 2.75

सीडी 2.50

ऊर्जा 2.47

बैंकिंग 2.23

वित्तीय सेवाएं 2.31

सेंसेक्स में चार माह में गिरावट

तारीख अंक फिसला

04 जून 4,389

05 अगस्त 2,222

30 सितंबर 1,272

03 अक्तूबर 1,769

गिरावट के पांच कारण

1. ईरान-इजराइल के बीच बढ़ता तनाव

2. वायदा और विकल्प कारोबार पर सेबी के नए नियम

3. एफआईआई की भारी बिकवाली

4. कच्चे तेल के भाव में उछाल

5. अमेरिकी चुनाव को लेकर भी निवेशकों में घबराहट

क्या करें निवेशक

बाजार विश्लेषकों का कहना है कि इजराइल-ईरान के बीच युद्ध की आशंका बनी हुई है। इजराइल जवाबी कार्रवाई करता है तो बाजार में गिरावट का दायरा बढ़ सकता है। ऐसे में निवेशकों को सतर्कता बरतनी चाहिए और बाजार के स्थिर होने का इंतजार करना चाहिए। लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह अच्छा मौका बन सकता है। वे निचले स्तर से शेयरों में निवेश कर सकते हैं।

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