कोर्ट ने शिकायतकर्ता पक्ष को अंतिम अवसर दिया
दिल्ली जल बोर्ड मुख्यालय में तोड़फोड़ के मामले की सुनवाई को एक मई तक टाल दिया गया है। शिकायतकर्ता के वकील की अनुपलब्धता के कारण स्थगन की मांग की गई थी। यह मामला 2020 में दर्ज शिकायत पर आधारित है।...

जल बोर्ड मुख्यालय में तोड़फोड़ का मामला - जिरह के लिए मुख्य वकील उपलब्ध नहीं होने के कारण स्थगन की मांग, एक मई तक सुनवाई टली
नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। राउज एवेन्यू अदालत ने दिल्ली जल बोर्ड मुख्यालय में तोड़फोड़ मामले में सुनवाई को एक मई तक के लिए टाल दिया है। यह मामला साल 2020 में दर्ज की गई शिकायत पर आधारित है।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पारस दलाल की अदालत में सोमवार को सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता पक्ष की ओर से वकील अंगद सिंह ने मामले में स्थगन की मांग की। उन्होंने कहा कि लंबित आवेदन पर जिरह के लिए मुख्य वकील उपलब्ध नहीं है, इसलिए मामले में स्थगन किया जाए। इस पर अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता पक्ष को यह अंतिम अवसर दिया जाता है। अब इस मामले में अगली सुनवाई एक मई को तय की गई है, जिसमें लंबित आवेदन पर बहस और विचार किया जाएगा।
बीते महीने में हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने दिल्ली पुलिस को आप नेता राघव चड्ढा को पूरक आरोप पत्र की प्रति उपलब्ध कराने का आदेश दिया था। अदालत ने भाजपा सांसद योगेंद्र चंदोलिया, भाजपा नेता आदेश गुप्ता और अन्य के खिलाफ मामले में जांच की निगरानी के लिए राघव चड्ढा की याचिका के मद्देनजर यह निर्देश जारी किया था।
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने 24 दिसंबर, 2020 को दिल्ली जल बोर्ड मुख्यालय में हुई तोड़फोड़ के संबंध में कोविड मानदंडों के कथित उल्लंघन के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की थी। जिसका कथित तौर पर तत्कालीन दिल्ली भाजपा प्रमुख आदेश गुप्ता ने नेतृत्व किया था। चूंकि योगेंद्र चंदोलिया वर्तमान में सांसद हैं, इसलिए मामले को हाल ही में विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट में स्थानांतरित किया गया।
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