'गिग वर्कर' का ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराएं कंपनियां
सरकार ने स्विगी और जोमेटो जैसे 'एग्रीगेटरों' को गिग वर्करों का ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराने के लिए आमंत्रित किया है। इससे श्रमिकों को सामाजिक कल्याण योजनाओं तक पहुंच सुनिश्चित होगी और कंपनियों को...
नई दिल्ली, एजेंसी। सरकार ने भुगतान के आधार पर सेवाएं देने वाले अस्थायी कामगारों (गिग वर्कर) का ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराने के लिए स्विगी और जोमेटो जैसे 'एग्रीगेटरों' को आमंत्रित किया है। स्विगी एवं जोमैटो जैसे आपूर्ति मंचों और अमेजन एवं फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों के डिलीवरी कर्मचारी के तौर पर काम करने वाले कामगारों को गिग वर्कर कहा जाता है।
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि यह पंजीकरण सामाजिक कल्याण योजनाओं तक श्रमिकों की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे कंपनियां लाभार्थियों का एक सटीक आंकड़ा तैयार कर सकेंगी।
मंत्रालय ने 'प्लेटफॉर्म एग्रीगेटर' को ई-श्रम पोर्टल पर अपने श्रमिकों को पंजीकृत करने के लिए आमंत्रित करके गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा लाभ देने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है।
मंत्रालय का ई-श्रम पोर्टल असंगठित श्रमिकों के एक देशव्यापी डेटसबेस के रूप में कार्य करता है। इसे श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा और कल्याण योजनाओं तक पहुंच प्रदान करने के लिए विकसित किया गया है।
मंत्रालय ने 'ऑनलाइन एग्रीगेटरों' के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के साथ एक सलाह जारी की है, जिसमें श्रमिकों को पंजीकृत करना और उनके आंकड़े को अद्यतन करने का दायित्व उन्हें सौंपा गया है। ई-श्रम मंच पर पंजीकरण के बाद एक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) मिलेगा जो उन्हें प्रमुख सामाजिक सुरक्षा लाभों तक पहुंच देगा। मंत्रालय ने बुधवार को इस बारे में जागरूक करने के लिए 'एग्रीगेटरों' के साथ एक बैठक भी बुलाई है जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया करेंगे।
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