आपूर्ति में कटौती से सीएनजी के दाम में चार से छह रुपये की वृद्धि संभव
सरकार ने गैस वितरण कंपनियों को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति में 20 प्रतिशत की कटौती कर दी है। इससे सीएनजी की कीमतों में चार से छह रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि हो सकती है। शहरी गैस वितरण कंपनियों को...
नई दिल्ली, एजेंसी। देश में खाद्य वस्तुओं की महंगाई से जूझ रहे लोगों को एक और झटका लग सकता है। सरकार ने गैस वितरण कंपनियों को मिलने वाली प्राकृतिक गैस की आपूर्ति में 20 फीसदी की कटौती कर दी है। माना जा रहा है कि इस कदम से सीएनजी की आपूर्ति पर भी असर पड़ेगा और इसके दाम में चार से छह रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी हो सकती है। इसलिए की कटौती
देश के भीतर अरब सागर से लेकर बंगाल की खाड़ी तक के क्षेत्रों में जमीन और समुद्र तल के नीचे से निकाली गई प्राकृतिक गैस को सीएनजी और पीएनजी में बदला जाता है। जानकारों का कहना है कि इन क्षेत्रों से उत्पादन सालाना पांच प्रतिशत तक घट रहा है। इस वजह से शहरी गैस वितरण कंपनियों को आपूर्ति में कटौती की गई है। पुराने क्षेत्रों से उत्पादन की कीमतें सरकार द्वारा नियंत्रित की जाती हैं।
सीएनजी की आपूर्ति पर असर
बताया जा रहा है कि रसोई के लिए आपूर्ति की जाने वाली पीएनजी गैस संरक्षित है। ऐसे में सरकार ने सीएनजी के लिए कच्चे माल की आपूर्ति में कटौती की है। शहरी गैस वितरण कंपनियों को इस कमी की भरपाई के लिए आयातित और महंगी तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, जिससे सीएनजी की कीमतों में 4 से 6 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी हो सकती है।
ऐसे राहत मिल सकती है राहत
फिलहाल कंपनियों ने सीएनजी की दरें नहीं बढ़ाई हैं, क्योंकि वे इसके समाधान के लिए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के साथ बातचीत कर रहे हैं। एक विकल्प यह है कि सरकार सीएनजी पर उत्पाद शुल्क में कटौती करे। वर्तमान में, केंद्र सरकार सीएनजी पर 14 प्रतिशत उत्पाद शुल्क वसूलती है, जो 14-15 रुपये प्रति किलोग्राम बैठता है। अगर कटौती होती है तो बढ़ी लागत का बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा।
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