एलपीजी के लिए गैस आवंटन में कटौती, शहरी गैस वितरकों को आपूर्ति बढ़ाई गई
सरकार ने एलपीजी उत्पादन के लिए प्राकृतिक गैस के आवंटन में कटौती की है, जिससे शहरी गैस खुदरा विक्रेताओं को कम कीमत पर गैस दी गई है। इससे सीएनजी की कीमतों में वृद्धि हुई है और डीजल जैसे वैकल्पिक ईंधनों...
नई दिल्ली, एजेंसी। सरकार ने एलपीजी उत्पादन में इस्तेमाल होने वाली प्राकृतिक गैस के आवंटन में कटौती करने के साथ कम कीमत वाले ईंधन को इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) एवं अदाणी-टोटल गैस लिमिटेड जैसी शहरी गैस खुदरा विक्रेताओं को दे दिया है। सरकार ने सीमित उत्पादन के चलते पिछले साल अक्टूबर और नवंबर में भी मुंबई हाई और बंगाल की खाड़ी में बेसिन क्षेत्रों जैसे पुराने क्षेत्रों से आने वाली कम कीमत वाली प्राकृतिक गैस की आपूर्ति में 40 प्रतिशत तक की कटौती की थी। इस कटौती के कारण शहरी गैस खुदरा विक्रेताओं ने सीएनजी की कीमतों में दो-तीन रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी करने के साथ आगे और मूल्य-वृद्धि की बात कही थी। मूल्य वृद्धि ने डीजल जैसे वैकल्पिक ईंधन की तुलना में सीएनजी का आकर्षण कम कर दिया है।
इस स्थिति में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने 31 दिसंबर के आदेश में जमीन के नीचे और समुद्र के नीचे से उत्पादित गैस के कुछ आवंटन में फेरबदल कर दिया। मंत्रालय ने एलपीजी के उत्पादन के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की गेल और ओएनजीसी को आपूर्ति की जाने वाली गैस में कटौती करने और उस मात्रा को शहरी गैस आपूर्तिकर्ताओं को देने का आदेश दिया। इस आदेश के अध्ययन में यह पाया कि एलपीजी उत्पादन में इस्तेमाल होने वाली प्रतिदिन कुल 25.5 लाख मानक घन मीटर गैस में से 12.7 लाख मानक घन मीटर (गेल और ओएनजीसी दोनों को 6.37-6.37 लाख मानक घन मीटर) गैस को जनवरी-मार्च तिमाही में सीएनजी/ पाइप-युक्त रसोई गैस खंड में खपत के लिए देने को कहा गया है।
गेल और ओएनजीसी को आपूर्ति में इस कटौती की भरपाई के लिए या तो नए क्षेत्रों से उत्पादित अधिक कीमत वाली गैस का उपयोग करना होगा या फिर उन्हें आयातित तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) पर निर्भर रहना होगा। उनके द्वारा उत्पादित एलपीजी की आपूर्ति इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) जैसी खुदरा ईंधन विक्रेताओं को की जाती है। सरकार घरेलू रसोई गैस एलपीजी पर सब्सिडी देती है, इसलिए उत्पादन की उच्च लागत का बोझ सरकार को उठाना पड़ सकता है।
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