पाक के हवाई क्षेत्र पर शिकंजा कसा जाना चाहिए
भारत द्वारा अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने के बाद, वैश्विक एयरलाइंस ने पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का उपयोग नहीं करने की घोषणा की है। इससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान होगा, क्योंकि इसकी विदेशी...

नई दिल्ली, एजेंसी। भारत के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद करने के बाद दुनियाभर की एयरलाइंस ने पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल न करने की घोषणा की है। इसके चलते पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में सन्नाटा पसरा है। इस घटनाक्रम के मद्देनजर देश के कुछ उद्यमियों ने कहा है कि इससे पाकिस्तान को विदेशी मुद्रा का भारी नुकसान होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि आतंक के पैरोकार इस दुष्ट देश को मत बख्शा नहीं जाना चाहिए। इस कदम के आर्थिक पक्ष पर प्रकाश डालते हुए वेंचर कैपिटल फर्म नवम कैपिटल के संस्थापक और प्रबंध निदेशक राजीव मंत्री ने कहा कि भारतीय एयरलाइनों को रोकने के पाकिस्तान के कदम से उसकी पहले से ही कमजोर अर्थव्यवस्था पर और अधिक असर पड़ेगा।
राजीव मंत्री ने एक्स पर लिखा, पाकिस्तान जैसे विदेशी मुद्रा की कमी से जूझ रहे देश के लिए यह विदेशी मुद्रा घाटा काफी अच्छा होगा, इस देश के पास कोई भी निर्यात प्रतिस्पर्धी उद्योग नहीं है और जो हमेशा विदेशी मुद्रा के संकट में रहता है। भारत को जहां भी संभव हो, शिकंजा और कड़ा करना चाहिए। इस दुष्ट आतंकवादी सैन्य-नियंत्रित इकाई को मत छोड़ो जो खुद को एक राष्ट्र कहती है। वहीं, एक अन्य उद्यमी अरुण पुदुर ने एक ट्वीट में कहा कि वैश्विक एयरलाइंस एयर फ्रांस, बीए, अमीरात, लुफ्थांसा पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र को टाल रही हैं। उन्होंने दावा किया कि अब मुश्किल से 15 उड़ानें पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का उपयोग कर रही हैं। इस्लामाबाद के विदेशी मुद्रा को भारी झटका लगा है। एक अन्य भारतीय नरेश मेनन ने पाकिस्तान को होने वाले नुकसान पर लिखा है-मानव जाति के इतिहास में कभी भी किसी देश में इतनी सामूहिक मूर्खता नहीं देखी गई। वहीं, अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा कि अगर गतिरोध जारी रहा तो इससे पाकिस्तान के लिए विदेशी कोष हासिल करना मुश्किल होगा और उसके विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव पड़ेगा। पुलवामा के समय भी हुआ था 7.6 लाख डॉलर का रोज नुकसान भारतीय विमानन कंपनियों और वैश्विक हवाई कंपनियों के इस कदम से पाकिस्तान को हर रोज बहुमूल्य विदेशी मुद्रा का नुकसान उठाना पड़ रहा है। गौरतलब है कि विश्व के तीसरे सबसे बड़े विमानन बाजार यानी भारतीय कम्पनियों से प्राप्त उड़ान शुल्क पाकिस्तान के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत था। जानकारों के मुताबिक पाकिस्तान का यह कदम वैसा ही है जैसा 2019 में हुआ था जब भारत द्वारा पुलवामा आतंकी हमले का जवाब देने के बाद पाकिस्तान ने अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया था। हिंदुस्तान टाइम्स के विश्लेषण में बताया गया है कि उस दौरान करीब 100 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था। तब प्रतिदिन करीब 400 उड़ानों का रास्ता बदला गया, जिससे पाकिस्तान को हवाई क्षेत्र शुल्क और अन्य मदों में रोजाना कुल 7,60,000 डॉलर का नुकसान हुआ।
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